देहरादून: उत्तराखंड में आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। एक ओर राज्य सरकार संशोधित नियमावली पहले ही लागू कर चुकी है, वहीं दूसरी ओर पहले से तय कट-ऑफ डेट को आगे बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसी क्रम में मंत्रिमंडलीय उपसमिति के निर्देश पर कर्मचारियों से जुड़ी विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।
कर्मचारियों का डेटा जुटाने की प्रक्रिया तेज
शासन स्तर पर दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी एकत्र की जा रही है। इसके लिए सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने सभी विभागों को पत्र लिखकर निर्धारित प्रारूप में विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि नियमितीकरण को लेकर पूर्व में हुई कैबिनेट चर्चा के दौरान कुछ मंत्रियों ने कट-ऑफ डेट बढ़ाने का पक्ष रखा था, जिसके बाद मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया गया।
इससे पहले संशोधित नियमावली की जा चुकी है अधिसूचना
इससे पूर्व धामी सरकार ने नियमितीकरण को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए संशोधित नियमावली लागू कर दी थी। इसके तहत नियत तिथि तक 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को नियमित किए जाने का प्रावधान किया गया है। इसी क्रम में विनियमितीकरण नियमावली-2013 में संशोधन करते हुए संशोधित विनियमितीकरण नियमावली-2025 जारी की गई, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के कार्मिकों को शामिल किया गया है।
साथ ही नियमितीकरण के लिए स्पष्ट शर्तें तय
शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से नियुक्त वे कार्मिक नियमितीकरण के पात्र होंगे, जिन्होंने 4 दिसंबर 2018 तक संबंधित पद या समकक्ष पद पर कम से कम 10 वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर ली हो, बशर्ते अन्य सभी शर्तें भी पूर्ण हों।
कट-ऑफ डेट पर उपसमिति देगी अपनी राय
हालांकि, मंत्रिमंडल के कई सदस्य कट-ऑफ डेट को वर्ष 2025 तक बढ़ाने के पक्ष में हैं। ऐसे में मंत्रिमंडलीय उपसमिति इस विषय पर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगी। इससे पहले उपसमिति कर्मियों की संख्या, उनकी योग्यता, विभागों में पदों की स्थिति और संभावित वित्तीय बोझ का विस्तृत आकलन कर रही है, ताकि सरकार कोई ठोस और संतुलित निर्णय ले सके।





