देहरादून: जिलाधिकारी सविन बसंल की सक्रियता और सशक्त सड़क सुरक्षा समिति के निर्णय के तहत शहर में यातायात और जनसुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छह शराब की दुकानों को स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए थे। इन आदेशों के खिलाफ संबंधित दुकानदारों ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही आबकारी आयुक्त भी जिलाधिकारी के इस निर्णय से सहमत हैं।
मुख्यमंत्री pushkar singh dhami ने भी सड़क सुरक्षा जनजीवन और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए डीएम को अधिकृत किया है कि वे ऐसे निर्णय लें जो जनसुरक्षा में बाधा उत्पन्न करने वाले तत्वों को दूर करें।
27 मार्च को डीएम की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों ने शहर के छह स्थानों — जीएमएस रोड, बिंदालपुल चकराता रोड-2, डालनवाला निकट परेड ग्राउंड, अधोईवाला चूना भट्टा, देशी-विदेशी, और करनपुर परेड ग्राउंड पर शराब की दुकानों को यातायात जाम और सड़क हादसों की मुख्य वजह बताया था।
जनसुरक्षा और यातायात की सुविधा के लिए इन दुकानों को एक सप्ताह के भीतर स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया था।
आदेशों का पालन नहीं होने पर जिला प्रशासन ने इन छह शराब की दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जनसुरक्षा और जनजीवन से जुड़े मुद्दों में कोई समझौता नहीं होगा।
सड़क सुरक्षा समिति सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत जनहित में निरंतर नए और कठोर निर्णय ले रही है ताकि जीवन और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।