देहरादून, उत्तराखंड : राजधानी देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय परिसर में बनी एक अवैध मजार को प्रशासन ने बीती रात बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज शिकायत और उसके बाद हुई प्रशासनिक जांच के बाद की गई। जिला प्रशासन ने पुष्टि की कि मजार को अवैध निर्माण मानते हुए यह कदम उठाया गया।
इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस को अवैध निर्माण के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर आपत्ति नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र सरकार का एजेंडा सिर्फ मजारों और मदरसों तक ही सीमित है, और इसके जरिए समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है।
धस्माना ने कहा, “सरकार का काम अब सिर्फ हिंदू-मुसलमान का नैरेटिव सेट करने तक रह गया है।” उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह मजार अवैध थी, तो इसका उत्तर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को देना चाहिए था, क्योंकि मजार के संचालन की जिम्मेदारी उसी के पास थी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य गठन से पहले यह मजार उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आती थी।