देहरादून : उत्तराखंड में आगामी निकाय चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के तीन वरिष्ठ और प्रभावशाली नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। यह तीनों नेता कुमाऊं मंडल से हैं, जो कांग्रेस के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है। कुमाऊं से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आते हैं, और इन नेताओं का बीजेपी में शामिल होना उनकी साख को भी चोट पहुंचा सकता है।
मथुरा दत्त जोशी का कांग्रेस छोड़ना:
कांग्रेस के सीनियर नेता मथुरा दत्त जोशी, जो पार्टी के कुशल प्रवक्ता रहे हैं, ने 48 साल बाद पार्टी को अलविदा कह दिया। जोशी ने पिथौरागढ़ से अपनी पत्नी के लिए मेयर का टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया और किसी अन्य नेता को टिकट दे दिया। इस पर जोशी ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बगावत की और गंभीर आरोप लगाए। जोशी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आज सीएम धामी की उपस्थिति में बीजेपी ज्वाइन की।
बिट्टू कर्नाटक का इस्तीफा:
कुमाऊं मंडल के एक और प्रमुख नेता बिट्टू कर्नाटक ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दिया। कर्नाटक, जो हरीश रावत के करीबी माने जाते हैं, अल्मोड़ा से मेयर का टिकट चाहते थे। टिकट न मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस की कार्यप्रणाली और टिकट वितरण पर असंतोष व्यक्त किया और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे से अल्मोड़ा में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। अब बिट्टू कर्नाटक ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया है।
जगत सिंह खाती का बीजेपी में शामिल होना:
इसके अलावा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगत सिंह खाती ने भी बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया है। खाती, जो पूर्व में बेरीनाग नगरपालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं, कांग्रेस से निकाय चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए। उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए एक और बड़ा झटका साबित हुआ है।
इन तीन बड़े नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस की स्थिति कुमाऊं मंडल में कमजोर हुई है, और यह निकाय चुनाव के परिणामों पर भी असर डाल सकता है। हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस को अपनी खोई हुई साख और शक्ति को फिर से पाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।