दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने राजधानी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए 10वीं और 12वीं कक्षा की शैक्षणिक कक्षाओं को बंद करने का आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार से वर्क फ्रॉम होम पर भी विचार करने को कहा है, ताकि कामकाजी वर्ग के लिए भी प्रदूषण से बचाव के उपाय किए जा सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के गंभीर प्रभावों से निपटने के लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को ऑनलाइन कक्षाओं पर स्विच करना होगा। दिल्ली में बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को लेकर अदालत ने सख्त टिप्पणी की और शैक्षणिक संस्थानों की भलाई के लिए ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखने की सलाह दी।
इसके अलावा, कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकारी और निजी दफ्तरों में 50% स्टाफ के वर्क फ्रॉम होम पर कोई विचार हुआ है, जैसा कि पहले निर्देशित किया गया था? इस पर दिल्ली के वकील ने बताया कि विचार किया जा रहा है, लेकिन कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि “यह समस्या है कि आप हर चीज में देर करते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर केंद्र सरकार से जल्द फैसला लेने की बात भी कही और कहा कि प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए यह एक आवश्यक कदम हो सकता है। इस आदेश के बाद दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत हो जाएगी, जबकि निजी और सरकारी दफ्तरों में भी कर्मचारियों की संख्या को कम करने के उपायों पर विचार किया जाएगा।