तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद, शीतकालीन गद्दीस्थल मर्कटेश्वर मंदिर होंगे विराजमान।

रुद्रप्रयाग/उखीमठ – तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। सोमवार को 11.30 बजे मंदिर के कपाट बंद हुए।

मौके पर सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में बम-बम भोले के जयकारों से घाटी गुंजायमान हुई। भगवान का श्रृंगार कर मंदिर में भोग लगाया गया। स्वयंभू शिवलिंग को फूल, मेवे, फल, अक्षत और भस्म से समाधि दी गई।

जिसके बाद तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद किए गए। कपाट बंद होते ही तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने अपने निशानों के साथ मंदिर की तीन परिक्रमा की।

इसके बाद डोली भूतनाथ मंदिर से होकर चोपता की ओर रवाना हुई। उत्सव डोली प्रथम पड़ाव चोपता में रात्रिविश्राम के लिए पहुँचेगी। उत्सव डोली 8 नवम्बर को चोपता से प्रस्थान कर रात्रिविश्राम के लिए भनकुन पहुँचेगी। 9 नवंबर को यहां से रवाना होकर शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंचेगी। जहां पर छह माह तक शीतकाल में भगवान की पूजा अर्चना होगी।

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