मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी के सहयोग से राज्य में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में उल्लेखनीय सफलता मिली है। इसके बावजूद हमें यह ध्यान रखना होगा कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। निरन्तर सतर्कता एवं सावधानी बरतते हुए ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ पॉलिसी को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। उन्होंने प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोरोना वैक्सीनेशन की कार्रवाई को और तेज किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 642 मामले प्रकाश में आए हैं। इसी अवधि में 1,231 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 12,243 है। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98 प्रतिशत है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में भी निरन्तर कमी देखी जा रही है। राज्य में पिछले 24 घण्टों में 3,05,731 कोविड टेस्ट किये गये हैं। इनमें कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर
0.2 प्रतिशत रही है। राज्य में अब तक कुल 05 करोड़ 25 लाख 03 हजार 838 कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उनके निर्देशानुसार निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग के साथ ही, लक्षण युक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए निगरानी समितियों के पास पर्याप्त संख्या में मेडिसिन किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री जी ने बच्चों में वायरल बुखार आदि के लिए मेडिसिन किट तैयार किए जाने के सम्बन्ध में प्रगति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि यह किट निगरानी समितियों को उपलब्ध करा कर 15 जून, 2021 से वितरण कराया जाए। मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि ब्लैक फंगस के मरीजों को भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई दवाओं के अतिरिक्त, विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार वैकल्पिक दवाई भी उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर के सुदृढ़ीकरण कार्य को गुणवत्तापरक तथा समय-सीमा में पूर्ण कराया जाए। इसके लिए कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बरसात का मौसम समय से कुछ पहले प्रारम्भ हो गया है। इससे इस मौसम में होने वाली इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि संक्रामक बीमारियों की आशंका भी बढ़ गई है। इसके दृष्टिगत सभी सम्बन्धित विभागों एवं जनपदों के अधिकारियों की बैठक कर इन बीमारियों की रोकथाम के सम्बन्ध में कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज काॅरपोरेशन द्वारा क्रय की जाने वाली दवाएं कम्पनी रेट पर ही खरीदी जाएं। उन्होंने कहा कि जनपदों में डायलिसिस की सुविधा को सुदृढ़ किया जाए।