वही जीतता है, जिसके पास होता है तुरूप का पत्ता: अखिलेश

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में विधानसभा के ठीक सामने गनाए गए नए लोकभवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा चौदह लोगों के टिकट बदलने को लेकर सिर्फ इतना कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि किसे टिकट दिए गए हैं और किसके काटे गए हैं, बस आप लोग तुरूप के पत्ते का इंतजार कीजिए.

टिकट बंटवारे को लेकर नाराज नहीं हैं अखिलेश

इस दौरान वहां समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी उपस्थित थे. टिकट बंटवारे को लेकर अखिलेश-शिवपाल की खबरों के बीच पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने एसपी अध्यक्ष से उनके आवास पर मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “अखिलेश टिकट बंटवारे को लेकर नाराज नहीं हैं. जो भी टिकट दिए गए हैं, वे ठीक हैं. शिवपाल और अखिलेश के बीच कोई मतभेद नहीं है.”

इधर, लोकभवन के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने टिकट बंटवारे पर हैरत जताते हुए कहा, “मुझे जानकारी नहीं है कि किसे टिकट दिए गए और किसके टिकट कांटे गए.”

मैं सच बोलूं या फिर सियासी जवाब दूं

नए सचिवालय भवन का उद्घाटन एसपी मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल सिंह यादव और आजम खां की मौजूदगी में किया. यह पूछे जाने पर कि क्या टिकट बंटवारे के बारे में आपकी राय ली गई? मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैंने सारे अधिकार छोड़ दिए हैं. अब जनता को फैसला करना है. मैं अपनी कुछ आदतें नहीं बदल सकता. अब आप ही बताइए कि मैं सच बोलूं या फिर सियासी जवाब दूं.”

ताश के पत्तों में वही जीतता है, जिसके पास होता है तुरूप का पत्ता

अखिलेश ने कहा, “सियासत में कुछ भी स्थाई नहीं होता. कल क्या होगा किसे मालूम. जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीएसपी छोड़ी तो किसे मालूम था. वह तो नेता प्रतिपक्ष थे. वैसे भी सियासत में दो-तीन पांच होता है. जैसे ताश के पत्तों में वही जीतता है, जिसके पास तुरूप का पत्ता होता है. अगर कोई तुरूप चले और दूसरा तुरूप का बड़ा पत्ता चल दे तो वह जीतता है.”

आजम खां ने उन्हें टिकट वितरण के मुद्दे पर बोलने से रोक. हाथ पकड़ कर माइक पर आने की कोशिश की तो अखिलेश ने उन्हें रोक दिया. अखिलेश बोले तो बोलते रहे. उन्होंने कहा, “वैसे मैं ताश नहीं खेलता. हां, शतरंज खेलना जरूर आता है. फिर भी तुरूप के पत्ते का इंतजार कीजिए.

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