मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने MDDA की आॅनलाइन भवन मानचित्र स्वीकृति प्रणाली का किया शुभारंभ!

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून के ट्रांसपोर्ट नगर में 5 करोड़ 42 लाख के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर की फेज-1 और फेज-2 की सड़क और फेज-2 की सीवर लाइन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास किया। फेज1 की सड़क की लागत 2 करोड़ 45 लाख, फेज-2 की सडक की लागत 1 करोड़ 55 लाख और सीवर लाइन एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की लागत 1 करोड़ 42 लाख है।

मुख्यमंत्री ने ट्रान्सपोर्ट नगर को नगर निगम देहरादून को सौंपने की घोषणा भी की। इनके साथ ही मुख्यमंत्री ने एमडीडीए द्वारा मानचित्र पास करने की प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाने तथा उपभोक्ता को सुविधा देने के उद्देश्य से आॅनलाइन भवन मानचित्र स्वीकृति प्रणाली एवं माॅनीटरिंग डैशबोर्ड का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया की कल्पना को साकार करने के लिए उत्तराखण्ड ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं।

प्रदेश में सचिवालय से लेकर जनपद के छोटे कार्यालय तक बायोमैट्रिक व्यवस्था के साथ ही कार्यालय की प्रक्रियाओं को आॅनलाइन करने के प्रभावी प्रयास प्रारम्भ किये गये है। एमडीडीए में आॅनलाइन भवन के नक्शे, शिकायत व सुझाव के लिए डैशबौर्ड की शुरूआत हो चुकी है। हमारा प्रयास सिस्टम में सुधार के साथ ही भ्रष्टाचार रोकने का है जिसमें जनसहयोग अपेक्षित है। व्यवस्था को शीर्ष से ठीक किया जाए, इसलिए सचिवालय से इसकी शुरूआत की गई है। सचिवालय में फाइलों का निस्तारण 7 की जगह अब 4 टेबल तक सीमित कर दिया गया है।

उन्होने कहा कि सरकारी कार्य आॅनलाइन होने से कार्य में तेजी आयेगी तथा सिस्टम भी ठीक होगा। प्रदेश में अब ’’पिक एण्ड चूज’’ के आधार पर कार्य नहीं किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उठाये गये जन कल्याणकारी कदमो की जानकारी भी दी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा प्रयास देहरादून को ट्यूबवैल की जगह ग्रैविटी का पानी देने का है, इसके लिए एक हजार करोड़ रूपये की योजना बनाई जा रही है। जमीन से पानी का दोहन कम होने से देहरादून की सुन्दरता बढ़ेगी तथा जमीन का जलस्तर भी बरकरार रहेगा।

कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि यह नई वेबसाइट नक्शों के आवेदन से संबंधित साइट इंस्पेक्शन के लिए मोबाइल एप्लीकेशन एनेबल्ड भी है। नई वेबसाइट के माध्यम से मानचित्रों के आवेदन पर एमडीडीए के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही के स्टेटस को देखने के लिए कलर कोडिंग की व्यवस्था भी की गई है। कलर कोडिंग के माध्यम से यह ज्ञात हो सकेगा कि कौन सी फाइल किस कर्मचारी अथवा अधिकारी के पास कितने दिनों से लंबित है या किस अधिकारी अथवा कर्मचारी ने कितनी फाइलों पर आपत्ति लगाई है और कितनी फाइलें निस्तारित की है। कलर कोडिंग सिस्टम के अन्तर्गत बेहतर प्रर्दशन करने वाले अधिकारियो व कर्मचारियों को 26 जनवरी और 15 अगस्त को एमडीडीए में आयोजित होने वाले समारोह में स्वर्ण तथा रजत पदकों से सम्मानित किया जायेगा। अधिकारियों को 15 दिन में फाइल का निस्तारण करना होगा। एमडीडीए ने आवेदकों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर दिया है। इसमें लेखपाल से लेकर वीसी तक की फाइल निस्तारण के लिए समय सीमा के साथ जवाबदेही तय की गई है। इसकी निगरानी आफिशियल साफटवेयर के माध्यम से वीसी स्तर पर की जाएगी। निर्धारित समयसीमा में फाइल निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों को लिखित जवाब देना होगा। फाइल में किसी भी अधिकारी के स्तर पर कोई आपति लगाई जाती है तो इसकी जानकारी आवेदक को अलगअलग चरणों में न देकर एक साथ दी जाएगी, ताकि वह एक ही बार में सारी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें जमा करवा सके। इससे एमडीडीए की कार्यप्रणाली में प्रभावी रूप से तेजी और पारदर्शिता आएगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक एवं मेयर विनोद चमोली, उपाध्यक्ष, एम.डी.डी.ए. आशीष कुमार श्रीवास्तव उपस्थित थे।

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