देहरादून/मसूरी – मसूरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है वही गुरुवार को मसूरी कैमल बैक रोड मसूरी गांधी चौक मसूरी स्प्रिंग रोड और मालरोड पर अतिक्रमण पर कार्यवाही जारी रही। कई अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया। इस मौके पर कई बड़े अतिक्रमण को चिन्हित भी किया गया, जिस पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। मसूरी एसडीएम नरेश दुर्गापाल के नेतृत्व में सड़क किनारे हो रखे अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया। इस मौके पर कई लोगों ने अतिक्रमण की कार्यवाही का विरोध भी किया गया।
लोगों का कहना है कि नगर पालिका द्वारा उनको किराए की रसीद देकर सड़क किनारे पर बैठाया गया है और वह काफी सालों से इन दुकानों में काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहें हैं जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई कर उनकी दुकानों को ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा किराया लिया जा रहा था तब अतिक्रमण क्यों नहीं था। ऐसे में आज उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है, जिसका खामियाजा आने वाले समय पर नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों को भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि आज कोई भी जनप्रतिनिधि उनके साथ खड़ा हुआ नहीं है इससे साफ है कि जनप्रतिनिधियों की शह पर ही उनको हटाया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मसूरी एसडीएम नरेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि पिछले 10 दिनों से लगातार मसूरी से सड़क किनारे हो रखे अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। वहीं कई जगह पालिका प्रशासन द्वारा रसीद लेकर सड़क किनारे लोगों को अतिक्रमण करके बैठाया गया था जिसको ध्वस्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि सड़क किनारे किसी को भी किराए लेकर बैठाने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में उन्होंने नगरपालिका अधिशासी अधिकारी यूड़ी तिवाडी को ऐसे सभी किरायेदारों को चिन्हित करने के भी निर्देश दिए, जिन को सड़क किनारे नगर पालिका द्वारा किराया लिया जा रहा है। जिससे उनकी किराएदारी को समाप्त कर अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाए। उन्होंने बताया कि जल्द बड़े अतिक्रमण पर भी कार्रवाई शुरू होनी है जिसको लेकर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मसूरी के बड़े होटलों द्वारा किए गए अवैध निर्माण और नक्शे के विपरीत बने हुए होटलों को चिन्हित किया जाए जिससे कि उन पर भी कार्रवाई शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि जल्द मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों के निर्देश प्राप्त होने के बाद अवैध निर्माण और नक्शे के विपरीत बनाए गए निर्माण को सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।