छत्तीसगढ़ के शंकरा ग्रुप ऑफ कॉलेज के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा 9 नवंबर 2015 को अचानक लापता हो गए। उनकी कार रायपुर एयरपोर्ट रोड पर लावारिस हालत में मिली थी और फोन भी बंद आ रहा था। पुलिस अपहरण होने की आशंका के चलते छानबीन में लगी हुई थी.. रायपुर पुलिस ने करीब डेढ़ हजार लोगों से पूछताछ की और1872 कॉल डिटेल भी चेक किए गए। पुलिस को मृतक के मोबाईल का कॉल डिटेल निकलने पर एक मोबाइल नंबर किम्सी जैन नाम की महिला का मिला। मामले की जाँच में पता चला कि किम्सी एक कारोबारी विकास जैन की वाइफ है।किम्सी पहले अभिषेक के ग्रुप में काम करती थी। पुलिस को दोनों के अफेयर का भी सुराग मिला। पुलिस पूछताछ के बाद जब पुलिस ने खोजबीन की तो शाव किम्सी के घर के गार्डन में मिला। शव को दफनाकर उसपर गोभी के पौधे लगा दिए गए थे। और शव को दफनाने के लिए गड्ढा पहले ही तैयार कर लिया गया था। पड़ोसियों ने गड्ढे को लेकर पूछा तो उन्होंने तड़ित चालक लगाने के लिए गड्ढा खोदने की बात की थी।
प्रेमिका ने एक्स बॉयफ्रेंड की हत्या कर लाश को घर के आंगन में दफनाकर ऊपर गोभी उगा दी
अभिषेक के मर्डर की यह है पूरी कहानी
अभिषेक 200 करोड़ के शंकरा ग्रुप ऑफ कॉलेज में डायरेक्टर था और छत्तीसगढ़ी फिल्में भी प्रोड्यूस करता था। अभिषेक के कॉलेज में किम्सी काम करती थी। उसी वक्त दोनों का अफेयर हो गया। इधर किम्सी की शादी एक बिजनेसमैन विकास जैन से हो गई। अभिषेक भी शादी करके सैटल हो गया। किम्सी ने पुलिस को बताया कि अभिषेक पुराने रिश्तों का हवाला देकर ब्लैकमेल कर रहा था और रिश्ता कंटीन्यू करने के लिए दबाव डाल रहा था। ये बात किम्सी ने अपने पति विकास को बताई थी। विकास ने अभिषेक को कई बार समझाया पर वो नहीं माना। इधर अभिषेक की वाइफ ने किम्सी पर मनगढ़ंत कहानी गढ़ने का आरोप लगाया और कहा कि उसके पति ऐसे नहीं थे।
इस तरह रची गई थी हत्या की साजिश
किम्सी के पति विकास ने अपने चाचा अजीत जैन और पत्नी किम्सी के साथ मिलकर अभिषेक को मारने की साजिश रची और साजिश के मुताबिक पूरे मामले को नक्सली रंग देना था। साजिश के तहत किम्सी ने विकास के कहने पर अभिषेक को 9 नवंबर को अपने फ्लैट पर मिलने बुलाया। अभिषेक घर पर किसी को बताए बिना वहां चला गया। वहां मौजूद विकास ने राड से अभिषेक के सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद विकास ने अपनी ससुराल में ही गार्डन में उसे दफना दिया और किम्सी ने कब्र पर गोभी के पौधे लगा दिए। अभिषेक की कार लेकर अपने दोस्त के साथ रायपुर आया और एयरपोर्ट रोड पर लावारिस हालत में छोड़कर भाग गए। इधर अभिषेक के घर फिरौती के लिए फोन आया और फोन करने वाले ने लाल सलाम कहा जिससे पुलिस का शक नक्सलियों की ओर जाए।