पूरे देश को स्तब्ध करने वाले निर्भया गैंग रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह की फांसी की सजा बरकरार रखी है। कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते वक्त कहा, “निर्भयाकांड सदमे की सुनामी है। जिस बर्बरता के साथ अपराध हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता।”
देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें निर्भया काण्ड के इस फैसले की तरफ थीं. सभी यह देखना चाहते थे कि आखिर कोर्ट इस तरह के फैसले में क्या रुख अपनाता है.
सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस भानुमती और जस्टिस अशोक भूषण ने शुक्रवार दोपहर तकरीबन 2.30 बजे फैसला सुनाया। अब मौत से बचने के लिए ये चारों बड़ी खंडपीठ के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं.
मालूम हो कि 16 दिसंबर 2012 की रात मृतक राम सिंह और उस समय नाबालिग रहे आरोपी के अतिरिक्त 4 लोगों ने शनिवार की शाम चलती बस में अपने दोस्त के साथ घर जा रही युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया था।
कोर्ट ने कहा कि उसके साथ एक वस्तु की तरह व्यवहार किया गया, अपने सुख के लिए उन्होंने पीड़िता को शिकार बनाया। उन्होंने पीड़िता की गरिमा के साथ खेल तो खेला ही, उनका तरीका बेहद चौंकाने वाला था।
पीड़िता की मां ने इस फैसले के बाद कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से उनकी बेटी को इंसाफ मिला है. हम सबको इंसाफ मिला है, लेकिन बेटी को खोने का मलाल सब दिन रहेगा. उन्होंने कहा, ‘हमारी कानून व्यवस्था थोड़ी लचर जरूर है, लेकिन आज मैं मानती हूं कि कानून में देर हैं, लेकिन अंधेर नहीं है.’