पश्चिमी देशों में महिलाओं ने शराब पीने के मामले में पुरुषों की बराबरी कर ली है. एक सर्वे के मुताबिक 18 से 27 वर्ष की उतनी ही महिलाएं शराब पी रही हैं जितने पुरुष. पर क्या आप जानतें हैं कि नशे की अगर एक बार लत लग गई तो छुड़ाना आसान नही। आज हम आपकों बताने जा रहे हैं कि नशीले पद्वार्थ आपके लिए कितने नुकसानदायक हो सकते हैं।
किस नशे से कितना खतरा
निकोटीन
तंबाकू उत्पादों में निकोटीन की लत सबसे आसानी से लगती है. स्मोकिंग करने पर सिगरेट का निकोटीन तेजी से फेफड़ों से होता हुआ दिमाग तक पहुंचता है. अमेरिकी रिसर्च के मुताबिक स्मोकिंग को आजमाने वाले दो तिहाई लोग अंतत: सिगरेट के लती हो जाते हैं.
कोकेन
कोकेन दिमाग में डोपामीन हार्मोन के काम में बाधा डालता है, जिससे एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक संदेश पहुंचने में गड़बड़ होती है. जानवरों पर हुई रिसर्च के मुताबिक शरीर में कोकेन जाने पर डोपामीन का स्तर सामान्य से तीन गुना बढ़ जाता है. कोकेन के क्रिस्टल कोकेन के पाउडर से ज्यादा लती बनाने वाले होते हैं.
शराब
शराब के दिमाग पर कई तरह के असर होते हैं. शराब दिमाग में डोपामीन के असर को 40 से 360 फीसदी तक बढ़ा सकती है. अमेरिका में शराब को एक बार चखकर देखने वालों में से 22 फीसदी जीवन के किसी मोड़ पर शराब पर निर्भर पाए गए.
हेरोइन
हेरोइन दिमाग में डोपामीन के स्तर को 200 फीसदी तक बढ़ा देती है. गंभीर लत के अलावा इसके भयानक खतरे भी हैं, इसकी ज्यादा मात्रा जान भी ले सकती है. दुर्भाग्यवश हेरोइन नशा करने वालों के बीच खासी लोकप्रिय है.
नींद की दवाइयां
पारंपरिक तौर पर इनका इस्तेमाल व्यग्रता और नींद ना आने की समस्या से निपटने के लिए किया जाता था. यह दवा दिमाग के कुछ हिस्से को कुछ समय के लिए निष्क्रिय कर देती है. ज्यादा खुराक जान तक ले सकती है. खासकर अगर इसे शराब के साथ लिया जाता है
ग्रीन फेरी
ग्रीन फेरी का मूल रूप अबसिंथ है जो भ्रम पैदा करने वाली नशीली ड्रग है.
व्हाइटनर
पढ़ने-लिखने का सामान यानी स्टेशनरी के दुकानों पर आसानी से मिलने वाला व्हाइटनर और इंक रिमूवर का प्रयोग आजकल स्कूली स्टूडेंट्स धड़ल्ले से कर रहे हैं। इसके चलते स्कूली स्टूडेंट्स में डिप्रेशन और आत्महत्या की प्रवृति बढ़ती जा रही है।