उत्तराखंड में दो से ज्यादा बच्चे वाले क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि दो से ज्यादा बच्चे वाले यह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, क्योंकि मंगलवार को नामांकन खत्म हो गया है और 27 तक इनकी स्क्रूटनी होनी है। राज्य निर्वाचन आयोग यह कह चुका है कि दो से ज्यादा बच्चों वालों के चुनाव लड़ने पर दिया गया हाईकोर्ट का आदेश सिर्फ ग्राम पंचायतों पर ही लागू होता है इसलिए क्षेत्र और जिला पंचायतों में अधिकतम दो जीवित बच्चों वाले ही चुनाव लड़ सकते हैं।
बता दें कि जून में उत्तराखंड सरकार ने पंचायती राज संशोधन कानून 2019 बनाया था जिसके अनुसार राज्य में 2 से ज्यादा जीवित बच्चों वाले लोग चुनाव लड़ने के अधिकारी नहीं रहेंगे। कांग्रेस नेता जोत सिंह बिष्ट समेत कई लोगों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने बीती 20 तारीख को इस कानून के लागू होने की कटऑफ डेट 25 जुलाई, 2019 तय कर दी थी। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार 25 जुलाई, 2019 से पहले तक जिसके दो से ज्यादा बच्चे हैं वह चुनाव लड़ सकता है लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश में सिर्फ आर्टिकल 8(1)(R) का जिक्र है, जो सिर्फ ग्राम पंचायतों पर लागू होता है। याचिकाकर्ता जोत सिंह बिष्ट ने दावा किया था कि हाईकोर्ट के फैसले में पंचायत इंस्टीट्यूशन्स लिखा है जिसका अर्थ हुआ कि यह आदेश सभी पंचायत संस्थानों, क्षेत्र और जिला पंचायत पर भी लागू होगा, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि यह आदेश सिर्फ ग्राम पंचायतों पर ही लागू होता है, क्षेत्र और जिला पंचायत पर नहीं।