जब परंपराओं को परे रख फैशन शो में रैंप पर चली विधवाएं….

An Indian Hindu widow walks in rhythm during a fashion show in New Delhi, India, Saturday, Oct. 15, 2016. In most of India, millions of Hindu widows are expected to live out their days in quiet worship, dressed only in white. They are typically barred from all religious festivities because their very presence is considered inauspicious. Their lives appear to be changing for better with women's groups and Indian aid organizations taking interest in their welfare. (AP Photo/Altaf Qadri)

नई दिल्ली: लहंगा-चोली पहने और चमकदार मेकअप लगाए नब्बे साल से अधिक उम्र की एक विधवा छड़ी लेकर रैंप पर चली. उन्होंने वर्षों पुरानी उस परंपरा को तोड़ने की कोशिश की जिसके तहत विधवाओं से सांसारिक सुखों को छोड़ने की अपेक्षा की जाती है.

उनका कैटवॉक विधवाओं के लिए आयोजित फैशन शो का हिस्सा था. इस फैशन शो का आयोजन एनजीओ सुलभ इंटरनेशनल ने किया था, जिसमें वृंदावन और वाराणसी के साथ-साथ केदारनाथ के निकट देवली ब्रह्मग्राम की तकरीबन 400 विधवाओं ने हिस्सा लिया, देवली ब्रह्मग्राम को उत्तराखंड में आई विनाशक बाढ़ के बाद से ‘विधवाओं के गांव’ के नाम से जाना जाता है.

33 साल की विधवा उर्मिला तिवारी ने कहा, मैंने जो आज कपड़े पहने हैं, उसे देखें. ऐसे कपड़े मैंने अपनी शादी के दिन भी नहीं पहने थे. वृंदावन से आईं तिवारी ने फैशन शो के महत्व को समझाया. तिवारी ने कहा कि विधवाओं से अक्सर कहा जाता है कि वह यह कर सकती हैं या ये नहीं कर सकती हैं. इस कार्यक्रम का आयोजन ऐसी बाधाओं को तोड़ता है. उन्होंने कहा, हमें नया जीवन दिया गया है. इस मेकअप के जरिए हमारी जिंदगी में रंग भरा गया है.

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