वॉशिंगटन चीन अपने परमाणु रिएक्टरों को अब भी पाकिस्तान को बेच रहा है। यह दावा किया है एक अमेरिकी थिंक टैंक ने। परमाणु पदार्थों का निर्यात करना चिंता का विषय तो है ही साथ ही ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय मानकों और स्थापित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करना भी है। वाशिंगटन की आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपने निर्यात नियंत्रण के लिए हर साल अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है।
लेकिन इस बीच बीजिंग ने पाकिस्तान को परमाणु रिएक्टर बेचना जारी रखा है। गौरतलब है कि न्यूक्लियर्स सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में शामिल होने के लिए पाकिस्तान भी जोरों से जुटा हुआ है। इतना ही नहीं वो अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी को भी दुनिया के दूसरे देशों को बेचने की फिराक में है, जो कि खासी चिंताजनक है।
अपनी 2013 से 2016 तक के रिपोर्ट कार्ड में परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण के नाम पर चीन विफल हुआ है। 2004 में ही चीन एनएसजी में शामिल हो गया था। इसी के तहत ही निर्यात नियंत्रण समेत निर्यात लाइसेंस, नियंत्रण सूची और आयात नियंत्रण पर तेजी आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के निर्यात नियंत्रण में प्रगति के बावजूद चीन पाकिस्तान को लगातार परमाणु ऊर्जा रिएक्टर बेच रहा है।
हैरानी की बात ये है कि इस बिक्री को एनएसजी की मंजूरी भी हासिल है। पाकिस्तान न तो एनपीटी का सदस्य है और ना ही आइएईए के प्रावधानों को पूरा करता है। लिहाजा वह एनएसजी के नियमों के तहत सहायता पाने के पात्र हैं। चीन का कहना है कि रिएक्टर ट्रांसफर पाकिस्तान के साथ 2003 में हुए एक करार पर आधारित है।
उल्लेखनीय है कि आइएइए ने 2015 में जनरल कांफ्रेंस में हिस्सा लिया था। चीन का कहना है कि परमाणु निर्यात सूची को जनवरी 2016 में अपडेट किया गया है।