दिल्ली की बारिश ने भावुक कर दिया देश के 14वें राष्ट्रपति को, राष्ट्रपति चुने जाने के बाद सभी को धन्यवाद देते हुए भावुक हो गए कोविंद ।
दिल्ली की बारिश ने उनके बचपन की यादे ताजा कर दी, अपने बचपन को याद करते हुए उन्होंने कहा, “बारिश का यह मौसम मुझे बचपन के उन दिनों की याद दिलाता है जब अपने पैतृक गांव में रहते थे, घर कच्चा था, मिट्टी की दीवारे , तेज बारिश के समय फूस की बनी छत बरसात का पानी नहीं रोक पाती थी, सब भाई-बहन कमरे की दीवार के सहारे खड़े होकर इंतजार करते थे कि बारिश कब बंद हो’ । साथ ही किसान, मजदूर और गरीब को याद करते हुए कहा की,” देश में कितने ही रामनाथ कोविंद होंगे, जो इस समय बारिश में भीग रहे होंगे, खेती कर रहे होंगे, या फिर कहीं मजदूरी कर रहे होंगे । दो वक़्त का भोजन जुटाने के लिए कहीं पसीना बहा रहे होंगे, आज मुझे उनसे कहना है कि परौंख गांव का रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में उन्हीं का प्रतिनिधि बनकर जा रहा है”, अपनी जीत को कोविंद ने गरीबो की जीत बताई ।