क्या फिर शुरू होगा एक नया आंदोलन

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गुजरात में मुख्यमंत्री पद के लिए बीते दो दिनों से नितिन पटेल का नाम रेस में सबसे आगे था पर आखिरी मौके पर फैसले में बदलाव करके विजय रूपाणी के नाम की घोषणा सीएम पद के लिए की गई। सूत्रों के माने तो नितिन पटेल का नाम चर्चा में लाना एक सोची समझी रणनीति बताया जा रहा है।
विजय रूपाणी का नाम सीएम पद के लिए घोषित करना सबको आर्ष्चय करने जैसा है। शुक्रवार शाम को गांधीनगर स्थित भाजपा कार्यालय में बैठक हुई । पार्टी के सभी शीर्ष नेता मौजूद रहे। कयास लगाए जा रहे थे कि नितिन पटेल बाहर सीएम बनने की घोषणा के साथ आएगे। पर विजय रूपाणी के नाम की घोशणा गुजरात मुख्यमंत्री पद के लिए की गई। और नितिन पटेल को डिप्टी बनाने की।
अब मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो चुकी है । और रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगे। लेकिन गुजरात की राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है। नितिन पटेल के नाम पर विरोधियों ने बीजेपी को घेरना षुरू कर दिया है। पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने नितिन पटेल को डिप्टी सीएम की कुर्सी नही लेने चाहिए। हार्दिक ने कहा कि नितिन पटेल को मुख्यमंत्री नही बनाना पटेलों का अपमान है।
वहीं आप नेता आशुतोश ने ट्वीट करके लिखा कि नितिन पटेल को सीएम क्यो नही बनाया गया? पटेल समुदाय आने वाले दिनों में ये सवाल पूछेगा? पहले केशुभाई का अपमान,फिर आनंदीबेन का अपमान और अब नितिन पटेल…. क्यों?
बता दे कि पिछले 22 सालों से गुजरात में बीजेपी की सरकार है। अगले साल यहां चुनाव होने है। अब विरोधी नितिन पटेल के बहाने राजनीति कर रहे है। और जनता को अपने पाले में करने की कोशिश में लगे है। वहीं गुजरात की हवा कुछ और भी इषारा कर रही है। सीएम पद को लेकर पाटीदार संतुष्ट नही है। तो संभावनाए लगायी जा रहे है कि पाटीदार आंदोलन भाजपा में नया तूफान खड़ा कर सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नही होगा कि अगर रूपाणी पाटीदारों को मना नही पाए तो एक और आंदोलन को हवा मिल सकती है।

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