सामुदायिक केंद्र के चिकित्सक के आवास के बगल एक गड्ढे में फेंकी गई बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं का जखीरा बरामद होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
शासन के फरमान के बावजूद यूपी के महराजगंज जिले सीएचसी अस्पताल में मरीजों को ज्यादातर दवाएं बाहर से लिखी जाती हैं। और अस्पताल की दवाओं को या तो बेच कर जेबे गर्म कर लिया जाता है या एक्सपायर होने पर इसे गड्ढा खोदकर उसमें सरकारी दवाएं फेंक दी जाती है । आप इन तस्वीरों में देख सकते है कि यहां फेंकी गई दवाओं में फेरस सल्फेट फोलिक एसिड है। जिसका उत्पादन तिथि फरवरी 2014 तो एक्सपायरी डेट जुलाई 2015 है । विभागीय लोगों ने बताया कि इस दवा का प्रयोग कैल्शियम व विटामिन के लिए स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि यहां लाखों की दवाएं एक्सपायर हो गई और उन्हे गड्ढे में फेंक दिया गया है । फेंकी गई दवाओं से इस बात का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों व गर्भवती महिलाओं में दवाओं का वितरण नही किया गया है और फर्जी तरीके कागजी कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी किया गया है ।
भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं के मिलने पर सीएमओ का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है। दवा एक्सपायरी कैसे हो गई अगर हो गई तो दो साल बाद उसको नष्ट क्यों किया जा रहा है। दवा क्यों नहीं बांटा गया। मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।