एक बार फिर वैश्विक आतंकी संगठन की एंट्री, कश्मीर फिर संकट में

 

कश्मीर में पिछले तीन दशक से चल रहे आतंकवाद में कई विदेशी आतंकियों की चर्चाएं भी हुई और पाकिस्तान के अलावा कई मुस्लिम देशों के युवा कश्मीर में जिहाद के लिए भी आए .वही साल 1994 में कश्मीर घाटी के पहलगाम इलाके में चार विदेशी पर्यटकों का पहले अपहरण और फिर हत्या के बाद इस हत्याकांड को किसी वैश्विक आतंकी संगठन की साजिश से जोड़ा, क्योंकि तब अल फरान नाम के एक संगठन ने उस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली पर तब से अब तक किसी और आतंकी साजिश में इस संगठन का नाम नहीं पाया गया .

लेकिन इसी महीने कुछ दिन पहले ही न सिर्फ जम्मू-कश्मीर और देश की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गईं, बल्कि कई सारे विदेशी सुरक्षा संगठन भी हरकत में आ गए. पहली बार अलकायदा ने हिंदुस्तान के खिलाफ जेहाद के लिए अपने पहले कमांडर के तौर पर जाकिर मूसा का नाम लिया. जाकिर मूसा को अलकायदा ने गजवा-ए-हिंद का प्रमुख बनाया.

 

कौन है जाकिर मूसा
साल 2014 में उन कई भटके युवाओं की तरह जाकिर मूसा भी कश्मीर में आतंकी राह पर चल पड़ा, जिसको कश्मीर में आतंकियों की नई खेप कहा जा रहा है. दक्षिणी कश्मीर के त्राल इलाके का रहने वाला जाकिर शफी भट्ट हिजबुल के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी का दोस्त था और उसी के जरिए आतंकवाद में शामिल हुआ . चंडीगढ़ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई छोड़कर जाकिर बुरहान ब्रिगेड का एक हिस्सा बना. पिछले साल 8 जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जाकिर मूसा ही बुरहान का जानशीन बना.

हिजबुल मुजाहिदीन ने जाकिर मूसा को दक्षिणी कश्मीर का कमांडर बनाया और वह बुरहान वानी के नक्शे कदम पर चलते हुए आए दिन सोशल मीडिया पर अपने वीडियो मैसेज जारी करता गया, लेकिन दो माह पहले मई के महीने में जाकिर मूसा ने सबको चौंका दिया, जब उसने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को लाल चौक में फांसी पर लटकाने की बात कही और सीमा पार पाकिस्तान में रह रहे आतंकी कमांडरों को धमकाया. जाकिर मूसा के इस बयान से हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सईद सलाहुद्दीन आग बगुला हो गया और जाकिर मूसा को हटाकर दूसरे आतंकी रियाज नायक को दक्षिणी कश्मीर में हिजबुल कमांडर बनाया, लेकिन इस बीच कश्मीर में जाकिर मूसा के समर्थन में न सिर्फ हिजबुल के ही कई आतंकी आए, बल्कि आम लोगों में भी कई सारे जाकिर मूसा का समर्थन करने लगे.

 

उसकी मिसाल उन प्रदर्शनों में साफ देखी गई, जहां अक्सर ‘मूसा मूसा जाकिर मूसा’ के नारे लगे. लेकिन इस पूरे मामले में पिछले हफ्ते बड़ा टर्न तब आया, जब अलकायदा ने जाकिर मूसा को अलकायदा का कमांडर नियुक्त किया. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की जानकारी भी थी कि कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में कई जेहादी अभी भी जाकिर मूसा को ही अपना अमीर मान रहे हैं. यहां तक की पिछले महीने मारे गए दो लश्कर आतंकियों की एक बातचीत जब सुरक्षा बलों के हाथ लगी, तो मरने से पहले उन दोनों लश्कर आतंकियों ने जाकिर मूसा से बात की थी. यहां तक की मंगलवार को कश्मीर के पुलवामा में मारे गए लश्कर कमांडर अबु दुजाना के बारे में कहा जा रहा था कि वह जाकिर मूसा के साथ काम करता था और उसी के संपर्क में था.

कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन और उससे निकले जाकिर मूसा के ग्रुप के बीच खूब बयानबाजियां चलती रहीं, लेकिन मूसा ने कश्मीर में धीरे-धीरे अपनी जमीन बना ली . देश में सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही जाकिर मूसा को मोस्टवांटेड लिस्ट में रखते हुए 15 लाख का इनाम भी जारी किया है. अलकायदा का कमांडर बनने के बाद गुरुवार को जाकिर मूसा ने पहली तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली, जिसमें वह अकेला नहीं, बल्कि उसके साथ आठ और आतंकी दिख रहे हैं.

और यही बात कश्मीर के साथ-साथ देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि जाकिर मूसा कश्मीर के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से भी युवाओं को आकर्षित कर रहा है और कई सारे युवाओं के संपर्क में भी है.

 

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