उत्तराखंड के चर्चित भ्रष्टाचार आरोपी अधिकारी को राजस्थान ने दी नियुक्ति

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देहरादून। भ्रष्टाचारी कहीं भी हों, अपना प्रबंध कर ही लेता है। इसी तरह का एक नाम एसएस यादव का है, जो ऊर्जा निगम में अपने घोटालों भरे कार्यकाल के लिए खासे चर्चित रहे हैं। ऐसे घोटाले बाज को अब राजस्थान सरकार ने नियुक्ति दी है, वह भी जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में, जहां एसएस यादव अब अपने कारनामों का जौहर दिखाएंगे। निदेशक बनकर राजस्थान गये एसएस यादव को यह नियुक्ति 22 मई को दी गई है। राजस्थान सरकार के विशेष सचिव पी रमेश द्वारा इस संदर्भ में आदेश संख्या एफ -4(20) एनर्जी/ 2014 के माध्यम से यह नियुक्ति दी गई है। विशेष सचिव द्वारा जयपुर में दी गई इस नियुक्ति से पहले श्री यादव उत्तराखंड में भ्रष्टाचार का कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। अब वे राजस्थान के जोधपुर विद्युत निगम लिमिटेड में एक साल तक एमडी व बोर्ड निदेशक के रूप में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे? उनके ही कारनामों के कारण ईमानदारी छवि के आईएएस अधिकारी उमाकांत पवार को इस्तीफा तक देना पड़ा तथा सरकार तक को सफाई देनी पड़ी थी।

भ्रष्टाचार के ज्वलंत मूर्ति माने जाने वाले एसएस यादव की नियुक्ति जोधपुर विद्युत निगम लिमिटेड में 22 मई से एक साल तक के अथवा अगले आदेशों तक कि नियुक्ति की गई है। उल्लेखनीय है एक ओर जहां एस एस यादव पर अनेकों भ्रष्टाचार के मामलों में कार्यवाहियां लम्बित बताई जा रही है वहीं बिना अनापत्ति प्राप्त किए अथवा बिना विजीलैंस की अनापत्ति प्राप्त किए नियुक्ति कैसे हो गई। यह चिंतन का मुद्दा है। लगता है वहां भी श्री यादव वास्तविक तथ्यों को छुपा चुके हैं।
एस एस यादव के कार्यकाल में उत्तराखंड पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड एवं पिटकुल, पॉवर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड में हजारों करोड़ के घोटालों को अंजाम दिया जा चुका है जो आज भी उत्तराखंड सरकार की गले की फांस व जनता के लिए एक त्रासदी बने हुए हैं!

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