क्या आप भी बड़े आसानी से किसी पर भी भरोसा कर लेते है , ये मानव स्वाभाव में होता है की आसानी से , किसी पर भी तुरंत भरोसा कर बैठता है और बाद में जाकर पछताता है। आप को बता दे चाणक्य निति में उल्लेख चाणकय के अनुसार कई ऐसी चीज व बाते है जिन पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए ।
सबसे पहले तो कभी भी नदी के वेग पर भरोसा नहीं करना चाहिए , क्यूंकि आज जो नदी शांत है वो कभी भी आवेश में आकर प्रलय का कारण बन सकती है । वहीँ विचलित मन वाले व्यक्ति का भी कोई भरोसा नहीं होता, कब शांत हो और कब गुस्से में आ जाये कुछ कहा नहीं जा सकता । साथ ही चापलूसी और जरुरत से ज्यादा मीठा बोलने वाले व्यक्ति का भी कोई भरोसा नहीं होता है, क्यूंकि ऐसे व्यक्ति अपने हित के लिए दुसरो का अहित करने में कभी नहीं कतराते। चाणक्य ने चंचल स्त्रियों से भी दूर रहने व कभी भरोसा न करने की बात कही है, ऐसा माना जाता है की चंचल स्त्री आप का विश्वास जीत कर कब धोके से आप की शान शौकत और धन ले लेगी आप को पता ही नहीं चलेगा। जिस तरह बिच्छू का स्वाभाव है डंक मारना वो डंक ही मरेगा ठीक उसी प्रकार सिंघह व लम्बे नाखून वाले जानवर का भी कोई भरोसा नहीं होता, अपने स्वाभाव के कारण, आप को नुक्सान पहुंचा सकते है ।