आखिरकार वैज्ञानिकों ने उस बुनियादी तत्व को खोज निकाला है जो व्यक्ति को बेहतर इंसान बनाता है। एक नई खोज के मुताबिक, दूसरों के सामने बौद्धिक विनम्रता दिखाना यानी अपनी गलती मानना और इस बात को स्वीकार करना कि आप जिस बात में विश्वास करते हैं हो सकता है वह गलत हो, इस बात का सूचक है कि विकल्पों को चुनने और समझदारी दिखाने में वह व्यक्ति कितना अच्छा है।

ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, बौद्धिक विनम्रता, व्यक्तित्व की विशेषता है कि जिसके बारे में कम ही अध्ययन किया गया है। लेकिन उसके बारे में जानने पर इस बात पर रोशनी डाली जा सकती है कि कोई व्यक्ति राजनीति, स्वास्थ्य और इस तरह के दूसरे क्षेत्रों में किस तरह निर्णय लेता है।

यह विशेषता रूढ़िवादी और आजाद ख्याल के लोग और धार्मिक और गैर-धार्मिक दोनों ही तरह के लोगों में समान रूप से पायी जाती है। लेकिन इस खोज के मुताबिक, लोग इन सभी चीजों में किस तरह से फैसला लेते हैं इस पर भी इसका असर पड़ता है। बौद्धिक विनम्रता को अहंकार या दंभ के विपरित माना गया है। जिन लोगों के व्यक्तित्व में बौद्धिक विनम्रता की विशेषता होती है वैसे लोग खुले दिमाग वाले होते हैं। साथ ही उनमें एक मजबूत विश्वास होता है और वह अपने इस विश्वास के गलत साबित होने के लिए तैयार रहते हैं।

व्यक्तित्व की यह विशेषता लोगों में किस तरह से काम करती है इस बारे में पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने 4 अलग-अलग तरह की खोज की। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि अगर किसी व्यक्ति में बौद्धिक विनम्रता को बढ़ावा देकर उसे सही तरीके से सिखाया जाए तो उस व्यक्ति को बेहतर इंसान बनाया जा सकता है।

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