उत्तराखण्ड : डायबिटीज यानी मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए केवल दवाएं या खानपान ही नहीं, बल्कि रोजाना पैदल चलना भी एक बेहद कारगर उपाय है। डॉक्टरों का कहना है कि सुबह-शाम की सैर शुगर कंट्रोल में रखने के साथ-साथ हृदय स्वास्थ्य, वजन प्रबंधन और इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बेहतर बनाती है।
क्यों जरूरी है डायबिटीज मरीजों के लिए वॉक करना?
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ब्लड शुगर कंट्रोल: पैदल चलने से मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं, जिससे शरीर ग्लूकोज को अधिक प्रभावी तरीके से अवशोषित करता है।
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इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है: यह शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का असर घटता है।
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हृदय रोग का खतरा घटता है: वॉक करने से हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और दिल स्वस्थ रहता है।
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वजन कम होता है: नियमित वॉक वज़न घटाने में मदद करती है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा है।
कितनी देर वॉक करें?
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30 से 45 मिनट की वॉक, सप्ताह में कम से कम 5 दिन ज़रूर करें।
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खाने के बाद हल्की वॉक भी ब्लड शुगर को स्पाइक्स से बचाती है।
वैज्ञानिक प्रमाण क्या कहते हैं?
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ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की एक स्टडी के अनुसार, पैदल चलना डायबिटीज के जोखिम को घटाने में बेहद कारगर है।
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इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित शोध में पाया गया कि सप्ताह में पांच दिन चलने से ग्लाइसेमिक कंट्रोल बेहतर होता है।
👉 ध्यान दें: वॉक शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें, खासकर अगर आपकी डायबिटीज के साथ अन्य बीमारियां भी हैं।