नैनीताल/रामनगर – पिछले पांच सालों से विक्रम, जो ढिकाला जोन में तीन बीट वाचरों की हत्या के आरोप में जेल में बंद है, अपनी बेल का इंतजार कर रहा है। विक्रम अब 20 साल का हो चुका है और उसका स्वास्थ्य पहले जैसा नहीं रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि विक्रम अब अधिक उम्र के कारण दूसरे बाघों का शिकार नहीं कर सकता और अगर उसे जंगल में छोड़ा गया तो वह खुद शिकार हो जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है: विक्रम की दीर्घायु का असर उसकी रिहाई पर
विक्रम ने जब 15 साल की उम्र में हत्या की थी, तब उसे नैनीताल चिड़ियाघर में कैद किया गया था। यहां उसे शिकार करने की आदत पर काबू पाने के लिए खास ध्यान दिया गया। फिर, 2020 में उसे ढेला रेस्क्यू सेंटर (जेल) भेजा गया। यहां पर विक्रम के साथ 8 अन्य बाघ भी रहते हैं, लेकिन विक्रम सबसे उम्रदराज है। विशेषज्ञ संजय छिमवाल के अनुसार, विक्रम की उम्र अन्य बाघों से ज्यादा है, और यह उसकी दीर्घायु को लेकर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है।
विक्रम का स्वास्थ्य: जीवन के और साल जोड़ने की संभावना
कॉर्बेट पार्क के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा ने विक्रम के स्वास्थ्य को देखते हुए कहा कि विक्रम की उम्र को ध्यान में रखते हुए उसके और साल जीवित रहने की संभावना है। विक्रम को 600 वर्ग मीटर के बाड़े में रखा गया है, जहां उसकी हर गतिविधि पर ध्यान दिया जाता है। उसे गर्मी में सपलीमेंट्स दिए जाते हैं और सर्दियों में विटामिन और मिनरल्स पर ध्यान रखा जाता है।
रेस्क्यू सेंटर में विशेष देखभाल
विक्रम का ध्यान रखता ढेला रेस्क्यू सेंटर अब एक मॉडल बन चुका है। यहां पर बाघों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होती है और उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है। डॉ. साकेत बडोला, निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अनुसार, विक्रम पूरी तरह से स्वस्थ है और उसकी देखभाल पूरी तरह से की जा रही है।
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