देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए एसजीएसटी (राज्य माल और सेवा कर) का दायरा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में होम स्टे और इवेंट मैनेजमेंट के कारोबार में तेज़ी से वृद्धि हुई है, और सरकार अब इसे एसजीएसटी के दायरे में लाने की संभावना पर विचार कर रही है। इसके अलावा, सैलून और पार्लर से भी एसजीएसटी वसूली की योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में मितव्ययिता और राजस्व वृद्धि के लक्ष्य पर चर्चा की गई थी। वित्त विभाग को एसजीएसटी के दायरे को बढ़ाने की संभावनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।
नए सिस्टम से कर चोरी पर काबू पाने की योजना
इसके अलावा, वित्त विभाग केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले सीजीएसटी के संबंध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित डायग्नोस्टिक सिस्टम को लागू करने पर भी विचार कर रहा है। इस प्रणाली के लागू होने से कर चोरी पर नकेल कसने में मदद मिलेगी, और बड़े कर चोरों पर कड़ी नज़र रखी जा सकेगी। यह सिस्टम ऑटोमेशन सेंसर डेटा में गड़बड़ी का स्वत: पता लगाने में सक्षम होगा।
किरायानामा को बढ़ावा देने के लिए शुल्क में कमी की योजना
सरकार स्टांप शुल्क के जरिए अपनी आय बढ़ाने के लिए भी कदम उठा रही है। हाल ही में हुई बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था कि मकान मालिकों द्वारा किरायेदारों से विधिवत किरायानामा न करने की स्थिति को सुधारा जाए। इसके लिए स्टाम्प शुल्क की दर में कमी लाकर किरायानामा को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया है, जिससे सरकार स्टांप शुल्क से अपनी आय में वृद्धि कर सकती है।
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