नई दिल्ली – भारतीय सेना की स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड ने डीआरडीओ के साथ मिलकर नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर कल शाम करीब सात बजे किया गया। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत अग्नि प्राइम मिसाइल को देश ही में विकसित किया गया है। इससे पहले बीते साल 7 जून को भी डीआरडीओ ने अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
New Generation Ballistic Missile Agni-Prime successfully flight-tested by Strategic Forces Command & DRDO off the Odisha coasthttps://t.co/2IXFn3piay@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/lWinz6YzYS
— DRDO (@DRDO_India) April 4, 2024
रक्षा मंत्री ने सफल परीक्षण पर दी बधाई
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि परीक्षण के दौरान अग्नि प्राइम मिसाइल ने अपने सभी मानकों और उद्देश्यों को पूरा किया। परीक्षण के दौरान विभिन्न सेंसर लगाए गए थे, जिनमें मिसाइल परीक्षण से संबंधित डाटा इकट्ठा किया गया। मिसाइल परीक्षण के दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान, स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड के प्रमुख समेत डीआरडीओ के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। अग्नि मिसाइल के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, स्ट्रैटेजिक फोर्सेस को बधाई दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिसाइल के सफल परीक्षण से सुरक्षा बलों को मजबूती मिलेगी। सीडीएस जनरल अनिल चौहान और डीआरडीओ के चेयरमैन समीर वी कामत ने भी अग्नि प्राइम मिसाइल के सफल परीक्षण पर बधाई दी।
क्या हैं अग्नि प्राइम मिसाइल की खासियतें
अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल एक मध्यम दूरी की मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 1200-2000 किलोमीटर के बीच है। यह मिसाइल अपनी सटीकता के लिए जानी जाती है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल पर 1500 से 3000 किलो तक वॉरहेड ले जाए जा सकते हैं। इस मिसाइल का वजन करीब 11 हजार किलोग्राम है। अग्नि मिसाइल सीरीज की यह सबसे नई और छठी मिसाइल है। इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत इस मिसाइल को विकसित किया गया है। इस प्रोग्राम के तहत पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, नाग और आकाश जैसी मिसाइलें विकसित की गई हैं।