देहरादून — उत्तराखंड के उद्योगों और सरकारी परिसरों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य इस वर्ष अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने इस संबंध में यूपीसीएल (UPCL) को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह पहल राज्य में पारदर्शिता, ऊर्जा दक्षता और बिलिंग की सटीकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
HT और LT उपभोक्ताओं के लिए तय हुई समयसीमा
नियामक आयोग के अध्यक्ष एम.एल. प्रसाद और सदस्य (विधि) अनुराग शर्मा द्वारा जारी टैरिफ आदेश में बताया गया है कि:
- सभी एचटी (HT) उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर 30 जून 2025 तक इंस्टॉल कर दिए जाएं।
- यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के आवास पर स्मार्ट मीटर भी इसी तारीख तक लगाए जाएं।
- सभी सरकारी कार्यालयों और सरकारी आवासों में स्मार्ट मीटर लगाने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 तय की गई है।
- एलटी (LT) उपभोक्ताओं, यानी सामान्य उद्योगों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य 31 अगस्त 2025 तक पूरा करना होगा।
स्मार्ट मीटर से मिलेगी बिजली खपत की सटीक जानकारी
स्मार्ट मीटर से टाइम ब्लॉक के आधार पर बिजली की खपत का डाटा रिकॉर्ड किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि स्मार्ट मीटर के उपयोग के बाद ऊर्जा खपत में क्या बदलाव आया है और इसका राजस्व पर क्या असर पड़ा है।
वर्षों से लंबित बिजली बिल होंगे माफ
नियामक आयोग ने यूपीसीएल को निर्देश दिए हैं कि वर्षों से लंबित बिजली बिलों की छंटनी कर उन्हें माफ किया जाए। इस कार्य के लिए यूपीसीएल को वित्तीय वर्ष 2025 तक का समय दिया गया है। कई उपभोक्ता, विशेष रूप से वे जो उत्तर प्रदेश के बंटवारे के समय उत्तराखंड हिस्से में आए थे, अब तक लापता हैं और उनका पता लगाना संभव नहीं हो पाया है।