
देहरादून में एक कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा सिख समाज पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध अब उधमसिंह नगर तक पहुंच गया है। उनके बयान सरदार जी बारह बज गए”के वायरल होते ही न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में सिख समुदाय में भारी रोष फैल गया है।
हरक सिंह रावत के खिलाफ फूटा सिख समाज का गुस्सा
प्रदेशभर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कई स्थानों पर डॉ. रावत के पुतले दहन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में काशीपुर में भी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा और शहर की संगत ने कड़ा विरोध जताते हुए राष्ट्रपति महोदय को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी काशीपुर के माध्यम से भेजा साथ मुख्य चौराहे पर कांग्रेसी नेता हरक सिंह रावत का सिख समाज के सैकड़ो लोगों ने पुतला दहन का विरोध जताया।
हरक सिंह रावत का फूंका पुतला
काशीपुर में सिख समाज की नाराज़गी उफान पर है और इस आग में अब राजनीतिक वार-पलटवार ने भी घी डाल दिया है। मेयर दीपक बाली ने हरक सिंह रावत पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “हरक सिंह रावत का दिमाग अब पूरी तरह चल चुका है… उन्हें इलाज की सख्त ज़रूरत है।” बाली ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सिख समाज पर की गई अभद्र टिप्पणी की कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी और “उन्हें काशीपुर में घुसने नहीं दिया जाएगा” जब तक कि वे सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते।
इस बयान से कांग्रेस की मानसिकता उजागर
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री गुरविंदर सिंह चंडोक ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कांग्रेस की सोच कोई नई नहीं है 1984 में सिखों पर जो अत्याचार हुए थे। वहीं कांग्रेस की मानसिकता आज फिर हरक सिंह रावत के बयान से उजागर हो गई है। चंडोक ने मांग की कि कांग्रेस पार्टी तुरंत हरक सिंह रावत पर कार्रवाई करे और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए, क्योंकि ऐसा बयान न सिर्फ सिख समाज का अपमान है बल्कि देश की साम्प्रदायिक एकता के लिए भी खतरा है।





