नैनीताल : उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक एलटी भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देती एक याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकल पीठ ने इस मामले में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, राज्य सरकार को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर उत्तराखण्ड राज्य चयन आयोग (UKSSC) से जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मामला इस प्रकार है कि एलटी भर्ती अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने सहायक अध्यापक एलटी के 1300 पदों के लिए पूर्व में विज्ञप्ति जारी की थी। इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 18 अगस्त 2024 को आयोजित की गई थी। इसके बाद, UKSSC ने दो बार उत्तर कुंजिका जारी की।
पहली कुंजिका में जो उत्तर अभ्यर्थियों द्वारा दिया गया था, उसे सही माना गया था। इसके बाद, एक संशोधित कुंजिका जारी की गई, जिसमें पहले दिए गए उत्तरों को गलत मानते हुए उन्हें मेरिट लिस्ट से बाहर कर दिया गया। संशोधित कुंजिका के बाद, जिन अभ्यर्थियों के उत्तर पहले गलत माने गए थे, अब वे मेरिट लिस्ट में आ गए थे।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से अपील की थी कि चूंकि अब सरकार उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने जा रही है, जो पहले गलत उत्तर देने के कारण मेरिट से बाहर हो गए थे, इसलिए इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करे।