ऋषिकेश नगर निगम ने प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन में पेश की मिसाल, रीसाइक्लिंग से सजे ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क….

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ऋषिकेश: प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन आजकल शहरी जीवन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, लेकिन तीर्थनगरी ऋषिकेश ने इस समस्या का समाधान खोजने में एक नया उदाहरण पेश किया है। नगर निगम ने प्लास्टिक कूड़े के समुचित प्रबंधन के लिए कई अभिनव कदम उठाए हैं, जो न केवल कूड़े के निस्तारण में मदद कर रहे हैं, बल्कि प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर नए उत्पादों का निर्माण भी कर रहे हैं।

नगर निगम के प्रयासों के तहत सबसे पहले आईएसबीटी, त्रिवेणी घाट और वीरभद्र में ‘प्लास्टिक बैंक’ की स्थापना की गई। इन बैंकों के बॉक्स बनाने के लिए पुराने प्लास्टिक बोतलों का उपयोग किया गया। इन बैंकों में लोग अपनी खाली बोतलें और अन्य प्लास्टिक कचरा डाल सकते हैं, जिसे बाद में रीसाइकिल किया जाता है। इस पहल की सफलता को देखते हुए अब नगर निगम नटराज, ट्रांजिट कैम्प और रेलवे स्टेशन में भी इसी तरह के प्लास्टिक बैंक स्थापित करने की योजना बना रहा है।

अब तक, इन बैंकों से करीब 400 किलो प्लास्टिक कचरा रीसाइकिल किया जा चुका है। इस कचरे का उपयोग नगर निगम बच्चों के झूलों और सजावटी सामान बनाने के लिए कर रहा है, जिससे एक ओर सकारात्मक पहलु सामने आ रहा है।

वेस्ट टू वंडर पार्क: प्लास्टिक से बने आकर्षक दृश्य
ऋषिकेश नगर निगम ने प्लास्टिक कचरे से ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क भी तैयार किया है, जो प्लास्टिक और अन्य废 वस्तुओं से बने बच्चों के झूलों और सजावटी सामान से सुसज्जित है। पुराने टायर, खराब हो चुके स्ट्रीट लाइट्स और बेकार साइकिल-स्कूटर से बने यह आकर्षक उत्पाद पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं।

महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा गया अभियान से
ऋषिकेश नगर निगम ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ-साथ, महिला स्वयं सहायता समूहों (जैसे त्रिवेणी सेना) को भी इस अभियान में जोड़ा है। अब इन समूहों को यूजर चार्ज वसूलने का जिम्मा सौंपा गया है, जिसके परिणामस्वरूप नगर निगम का कलेक्शन तीन लाख से बढ़कर 13 लाख रुपये तक पहुंच गया है। इसके साथ ही करीब 250 महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं।

राज्य सरकार की सराहना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने सभी नगर निकायों को प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए ठोस व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सरकार इस दिशा में बेहतर कार्य करने वाले निकायों को पुरस्कृत भी कर रही है।

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