ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन शनिवार को किया गया। इस विशेष अवसर की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने की। कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, लोकसभा सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, और विधानसभा अध्यक्ष रीतु खंडूरी भूषण समेत कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए।
कार्यक्रम में कुल 434 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें एमबीबीएस, नर्सिंग, एमडी/एमएस जैसे पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी शामिल रहे।
देश में स्वास्थ्य सेवाओं का नया युग: जे.पी. नड्डा
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों को उनकी उपलब्धियों पर बधाई दी और कहा कि यह दिन उनके परिश्रम और समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि देश में अब कुल 22 एम्स संस्थान कार्यरत हैं, जो भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
एम्स ऋषिकेश की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि संस्थान ने ड्रोन और हेली-एंबुलेंस सेवाओं के माध्यम से अब तक 309 गंभीर मरीजों को जीवनदान दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि देश में अब तक 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 780 मेडिकल कॉलेज, 130% वृद्धि के साथ एमबीबीएस सीटें, और 138% वृद्धि के साथ पीजी सीटें स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक हैं।
साथ ही, 157 नए नर्सिंग कॉलेज भी पैरामेडिक्स क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए खोले जा रहे हैं।
नई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने एम्स ऋषिकेश में आयुष चिकित्सा केंद्र, पीईटी स्कैन सुविधा, पीएसीएस सिस्टम और बाल चिकित्सा केंद्र जैसी कई अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का उद्घाटन भी किया।
राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में AIIMS ऋषिकेश की भूमिका: मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि एम्स ऋषिकेश ने उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को नई दिशा दी है। उन्होंने बताया कि राज्य की 5,000 ग्राम पंचायतें अब टीबी मुक्त हो चुकी हैं। साथ ही, राज्य सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकें।