देहरादून: हत्या के मामले में सबूतों की कमी और पुलिस की लापरतवाही के चलते आरोपी को बरी कर दिया गया है। पंचम अपर सेशन न्यायाधीश राहुल कुमार श्रीवास्तव की अदालत में Renu Murder Case की सुनवाई के दौरान साक्ष्यों की कमी के कारण आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया है। जिस चाकू से महिला की हत्या की गई थी, पुलिस उससे फिंगर प्रिंट नहीं ले पाई थी। जिस कारण अभियोजन पक्ष कमजोर हो गया। इसके साथ ही थाना डोईवाला की पुलिस की ओर से की गई लापरवाही के लिए पूर्व विवेचक के खिलाफ कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति एसएसपी को भेजने के भी आदेश दिए हैं।
Renu Murder Case: सबूतों के अभाव में आरोपी हुआ बरी
जानकारी के मुताबिक, रेखा नाम की एक महिला ने तीन जून 2016 को डोईवाला कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि आरोपी साहिल अंसारी निवासी मेरठ उसकी बहन रेनू को 2006 में मेरठ से भगाकर लच्छीवाला लेकर आया। यहाँ वो किराए के मकान में रहने लगे जिसके बाद साल 2006 में होली के समय आरोपी ने उसकी बहन से शिव मंदिर लच्छीवाला में शादी कर ली। और उसके बाद देहरादून कोर्ट में कोर्ट मैरिज भी की।
बेटी होने के बाद शादी तोड़ना चाहता था आरोपी
शादी के बाद उनकी एक लड़की हुई. रेखा ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद उनकी एक बेटी हुई जिसके बाद साहिल रेनू को छोड़ना चाहता था। आरोपी रेनू से शादी करने से पहले भी दो शादियां कर चुका था, जिन्हें तलाक दे दिया। रेखा ने बताया कि साहिल बार-बार कहता था कि रेनू की शादी किसी और से कर दो और बेटी उसे दे दो। मना करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
रेल की पटरियों के पास मिली थी रेनू की लाश
रेखा ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि 3 जून 2016 की रात करीब 9 बजे साहिल अंसारी उनके घर आया था। उस दौरान उसने कहा कि उसकी पत्नी और बेटी घर पर मौजूद नहीं हैं। इसके बाद, 4 जून 2016 को रेखा अपने भतीजे सोनू के साथ डोईवाला पहुंचीं। वहां उन्हें जानकारी मिली कि मिस्सरवाला रेलवे लाइन के पास एक महिला का शव पड़ा हुआ है। जब वे मौके पर पहुंचीं, तो शव की पहचान उनकी बहन रेनू के रूप में हुई। इसके चलते उन्होंने आरोप लगाया कि साहिल अंसारी ने ही उनकी बहन की गला रेतकर हत्या की है। इसी आधार पर पुलिस ने 4 जून 2016 को आरोपी साहिल के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छिपाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने स्पष्ट किया कि रेनू की मौत धारदार हथियार से गले की नस कटने के कारण हुई।
पुलिस मौके से सबूत जुटाने में रही नाकामियाब
इस बीच, मामले में पुलिस जांच की लापरवाही भी सामने आई। अभियोजन अधिवक्ता किशोर रावत के अनुसार, अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में कुल 16 गवाह पेश किए गए। वहीं, जांच अधिकारी पंकज गैरोला ने कोर्ट को बताया कि जिस स्थान पर महिला की हत्या होना बताया गया, वह उसका घर का बाथरूम था। हालांकि, उस स्थान का नक्शा नजरी तैयार नहीं किया गया, और न ही बाथरूम को सील किया गया। इसके अलावा, जांच के दौरान बाथरूम से हत्या से संबंधित कोई ठोस साक्ष्य भी बरामद नहीं हो सका, जबकि वही स्थान महिला के निवास और कथित घटना स्थल के रूप में बताया गया था।
पुलिस की लापरवाही से नहीं मिला रेनू को इंसाफ
- आसपास के लोगों के बयान लिए थे या नहीं याद नहीं है।
- मृतका रेनू की कॉल डिटेल रिपोर्ट नहीं भेजी गई।
- ना ही आरोपी की लोकेशन ट्रेस करने के लिए कोई सीडीआर निकाली गई।
- विवेचना में ये भी पता नहीं किया कि आरोपी साहिल अंसारी की कितनी शादियां थी।
- यही नहीं जिस चाकू से महिला की हत्या की गई उससे फिंगर प्रिंट भी नहीं लिए गए।


