देहरादून – जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) “एक देश, एक चुनाव” की बात कर रही है, वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला मान रही है। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम देश के सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं के विकास में मददगार साबित होगा।
दीप्ति रावत ने एक बयान में कहा, “यह एक ऐतिहासिक कदम है जो न केवल चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि विकास की गति को भी तेज करेगा। सभी पार्टियों को मिलकर इस विचार को आगे बढ़ाना चाहिए।”
कांग्रेस का विरोध
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने भाजपा के इस कदम पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “सरकार लोगों को दिग्भ्रमित करना चाहती है। अगर केंद्र सरकार वास्तव में चुनावों को एक साथ कराने में सक्षम होती, तो हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी एक साथ करवा सकती थी, लेकिन वह इसमें असमर्थ रही।”
प्रीतम सिंह ने आगे कहा, “भाजपा केवल चुनावी लाभ के लिए इस तरह के प्रस्ताव ला रही है, जबकि असली मुद्दे देश की जनता के सामने हैं।”
राजनीतिक घमासान
इस विषय पर दोनों दलों के बीच बयानबाजी से राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। एक ओर भाजपा जहां इसे देश के विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानती है, वहीं कांग्रेस इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताकर इसका विरोध कर रही है।
इस तरह “एक देश, एक चुनाव” का मुद्दा न केवल चुनावी रणनीतियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि आने वाले समय में चुनावी राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। दोनों दलों की प्रतिक्रियाएं यह दर्शाती हैं कि राजनीतिक मतभेद इस मुद्दे को लेकर कितने गहरे हैं।
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