पीएम मोदी का पांच राज्यों का दौरा: 70,000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटनl

प्रधानमंत्री मोदी 13-15 सितंबर को पांच राज्यों के दौरे पर, ₹70,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन-शिलान्यास lप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 15 सितंबर तक मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे। यह दौरा 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास से जुड़ा है।

सबसे पहले 13 सितंबर को प्रधानमंत्री मिजोरम पहुंचेंगे। सुबह करीब 10 बजे वे आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे और इस दौरान एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद दोपहर 12:30 बजे पीएम मणिपुर के चुराचांदपुर जाएंगे, जहां वे 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और जनसमूह को संबोधित करेंगे।

दोपहर 2:30 बजे इम्फाल में प्रधानमंत्री 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और सभा को संबोधित करेंगे। शाम 5 बजे वे असम के गुवाहाटी पहुंचेंगे और भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के समारोह में शामिल होंगे।

14 सितंबर को प्रधानमंत्री असम में 18,530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बड़ी औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। सुबह 11 बजे वे दरांग में विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। दोपहर 1:45 बजे वे गोलाघाट स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी प्लांट का उद्घाटन करेंगे और पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट की आधारशिला भी रखेंगे।

15 सितंबर को प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल जाएंगे। सुबह 9:30 बजे वे कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद दोपहर 2:45 बजे वे बिहार पहुंचेंगे और पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही 36,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे।

बिहार में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ करेंगे। यह बोर्ड उत्पादन बढ़ाने, नई तकनीक लाने, कटाई के बाद प्रबंधन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, निर्यात और ब्रांडिंग को बढ़ावा देगा। इससे बिहार और देश के मखाना किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।

बिहार देश के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 90 फीसदी हिस्सा देता है। मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया जैसे जिले मखाना उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं। यहां की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी मखाना की गुणवत्ता को खास बनाती है। मखाना बोर्ड की स्थापना से बिहार की वैश्विक स्तर पर पहचान और मजबूत होगी।

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