मुंबई – भारत में HMPV (ह्यूमन मेटाप्नेयुमोवायरस) के पहले केस की पुष्टि होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। कर्नाटक के बेंगलुरु में इस वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद सेंसेक्स में 1150 अंकों की गिरावट आई, जो कि 78065 अंकों तक पहुँच गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 360 अंकों की गिरावट के साथ 23,633 अंकों तक फिसल गया। इस भारी गिरावट के चलते बैंकिंग, एनर्जी, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में भी व्यापक नुकसान देखने को मिला।
कोरोना के डर ने फिर मचाया आतंक
HMPV के पहले केस की खबर से भारतीय शेयर बाजार में अचानक अस्थिरता और बेचैनी फैल गई। यह डर कोरोना महामारी के पांच साल पुराने अनुभवों से जुड़ा हुआ था, जब वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन और आर्थिक मंदी का माहौल बना था। जैसे ही HMPV का मामला सामने आया, बाजार में डर का माहौल बन गया और निवेशकों में घबराहट फैल गई। इस गिरावट के परिणामस्वरूप बीएसई सेंसेक्स 1200 अंक यानी 1.51% की गिरावट के साथ 78065 तक पहुँच गया, जबकि निफ्टी भी 400 अंक यानी 1.62% गिरकर 23,610 अंकों तक जा पहुंचा।
बाजार को हुआ लाखों करोड़ का नुकसान
HMPV के मामले की खबर के बाद बीएसई के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई है। बीएसई का मार्केट कैप 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर 440.74 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पहले 449.78 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह से निवेशकों को लगभग 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में जबरदस्त गिरावट
निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स 1103 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स 413 अंकों की गिरावट के साथ 2.18% नीचे कारोबार कर रहा है। इसके अतिरिक्त, बैंकिंग स्टॉक्स में भी भारी गिरावट देखी जा रही है। निफ्टी बैंक इंडेक्स 1.66% गिरकर कारोबार कर रहा है। एफएमसीजी, एनर्जी, हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस सेक्टर के स्टॉक्स में भी बड़ी गिरावट आई है।
निवेशकों में डर, बाजार में अस्थिरता
बाजार में अस्थिरता को मापने वाला इंडेक्स, इंडिया Vix, 13.37% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, जो निवेशकों के बीच बढ़ते डर और बेचैनी को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण HMPV के मामले के सामने आना और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का असर भारतीय बाजार पर पड़ना है।
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