भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली रवाना , एक मई को पहुंचेगी बाबा के धाम….

ऊखीमठ, उत्तराखंड : केदारनाथ भगवान की पंचमुखी भोग मूर्ति आज चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से अपने मूल धाम केदारनाथ के लिए विधिवत रूप से रवाना हो गई है। डोली गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में रात्रि विश्राम करते हुए आगामी 1 मई 2025 को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 2 मई 2025 को प्रातः 7 बजे शुभ मुहूर्त में भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन हेतु खोले जाएंगे।

Kedarnath temple doors opening process started Baba Kedar Doli leaves for Dham from Omkareshwar temple

केदारनाथ धाम, जो भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है, की निर्विघ्न यात्रा के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। ओंकारेश्वर मंदिर, जो पंचकेदारों का शीतकालीन गद्दीस्थल है, में भगवान केदारनाथ के क्षेत्रपाल भकुंड भैरवनाथ की विशेष पूजा संपन्न हुई। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया।

रविवार शाम 7 बजे से ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भगवान केदारनाथ और ओंकारेश्वर की संयुक्त पूजा-अर्चना और आरती की गई। तत्पश्चात भगवान भैरवनाथ की विधिवत पूजा शुरू हुई। धार्मिक परंपराओं के अनुसार भगवान भैरवनाथ की मूर्ति का गंगाजल, दूध, शहद और तेल से अभिषेक कर उन्हें नये वस्त्र पहनाए गए और फूल-मालाओं से भव्य श्रृंगार किया गया। साथ ही काली दाल की पकोड़ी और पूरी की माला भी भेंट की गई।

Kedarnath temple doors opening process started Baba Kedar Doli leaves for Dham from Omkareshwar temple

पूजा-अर्चना का नेतृत्व मंदिर के वेदपाठी विद्वानों — विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी और ओंकार शुक्ला ने किया। वहीं, केदारनाथ के लिए नियुक्त पुजारी बागेश लिंग, शिव शंकर लिंग, गंगाधर लिंग और शिव लिंग ने सभी धार्मिक विधानों का पूरी निष्ठा से पालन करते हुए भगवान भैरवनाथ की एकमुखी, त्रिमुखी, पंचमुखी और सप्तमुखी आरतियां संपन्न कराई।

इस पूरे धार्मिक आयोजन में क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण व्याप्त रहा और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। अब श्रद्धालु बेसब्री से 2 मई को भगवान केदारनाथ के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं।

 

 

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