पिथौरागढ़ – ग्लोबल वार्मिंग, सड़क निर्माण और वाहनों की लगातार आवाजाही इस परिवर्तन के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। इस बदलाव ने पर्यावरणीय संकट की गंभीरता को और भी उजागर किया है।
सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील में स्थित ओम पर्वत 5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है अब यह पहली बार बिना बर्फ के दिखाई दे रहा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नाभीढांग से इस पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं, लेकिन हाल ही में बर्फ के पिघलने के कारण ओम पर्वत से उसका प्रसिद्ध ‘ॐ’ चिन्ह गायब हो गया है। अब वहां केवल काले पहाड़ ही नजर आ रहे हैं। पर्यावरणविद और स्थानीय निवासी वैश्विक तापमान में वृद्धि और उच्च हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों को इस बदलाव का जिम्मेदार मान रहे हैं।
तापमान में वृद्धि, सड़क निर्माण और अत्यधिक पर्यटकों की आवाजाही जिम्मेदार
ओम पर्वत जो धार्मिक और पर्यटक दृष्टिकोण से एक विशेष महत्त्व रखता है, इस बार पहली बार पूरी तरह बर्फविहीन हो गया है। स्थानीय लोग और पर्यावरणविद मानते हैं कि इस परिवर्तन के पीछे वैश्विक तापमान में वृद्धि, क्षेत्र में सड़क निर्माण और अत्यधिक पर्यटकों की आवाजाही जिम्मेदार हैं। गुंजी और आसपास के गांवों के निवासियों का कहना है कि ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया। हालांकि कुछ का कहना है कि 2016 में भी बर्फ की मात्रा बहुत कम थी लेकिन इस बार पर्वत पूरी तरह से बर्फ से रहित है। यह स्थिति पर्यावरणीय प्रभावों को दर्शाती है, जिनमें सड़क निर्माण, हॉटमिक्स प्लांट्स का स्थापित होना और लोडर मशीनों का उपयोग शामिल है, जो पर्वतीय क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं।