

नई दिल्ली — राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी वर्ष 2023 के अपराध आंकड़ों से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जहां एक ओर देश में हत्या जैसे गंभीर अपराधों में हल्की गिरावट दर्ज की गई, वहीं साइबर क्राइम और अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के खिलाफ अपराधों में तेजी से वृद्धि देखी गई है।
हत्या के मामलों में 2.8% की गिरावट, पर विवाद बना सबसे बड़ा कारण
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देशभर में 27,721 हत्या के मामले दर्ज किए गए, जो 2022 की तुलना में 2.8% कम हैं (2022 में 28,522 मामले)।
हत्या के प्रमुख कारणों में:
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विवाद – 9,209 मामले
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व्यक्तिगत दुश्मनी – 3,458 मामले
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लाभ के उद्देश्य से हत्या – 1,890 मामले
अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराधों में 28.8% की बढ़त
2022 में ST वर्ग के खिलाफ 10,064 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में बढ़कर 12,960 हो गए।
इस वर्ग में अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 9.6 से बढ़कर 12.4 हो गई, जो गंभीर सामाजिक चिंता का विषय है।
साइबर अपराध में 31% उछाल, ठगी सबसे बड़ा मकसद
2022 की तुलना में साइबर अपराधों में 31.2% की वृद्धि दर्ज की गई।
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2022: 65,893 मामले
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2023: 86,420 मामले
इनमें से:
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68.9% (59,526 मामले) ठगी के उद्देश्य से किए गए
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4.9% (4,199 मामले) यौन शोषण से संबंधित
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3.8% (3,326 मामले) जबरन वसूली से जुड़े
साइबर क्राइम की दर भी 4.8% से बढ़कर 6.2% हो गई।
2023 में कुल 62.4 लाख संज्ञेय अपराध दर्ज
देशभर में 62,41,569 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए:
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IPC के तहत: 37,63,102 मामले
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विशेष एवं स्थानीय कानून (SLL) के तहत: 24,78,467 मामले
अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 2022 में 422.2 थी, जो 2023 में बढ़कर 448.3 हो गई। यह 7.2% की वृद्धि को दर्शाता है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में ‘घरेलू हिंसा’ सबसे प्रमुख
महिलाओं पर अपराधों में सबसे ज़्यादा मामले पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (1,33,676 मामले – 29.8%) के अंतर्गत दर्ज हुए।
इसके बाद:
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महिलाओं का अपहरण – 88,605 मामले (19.8%)
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शील भंग के उद्देश्य से हमला – 83,891 मामले (18.7%)
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POCSO एक्ट के तहत – 66,232 मामले (14.8%)
महानगरों में अपराध में 10.6% वृद्धि, चोरी शीर्ष पर
19 प्रमुख महानगरीय शहरों में 2023 में कुल 9,44,291 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जो 2022 (8,53,470) से 10.6% अधिक है।
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चोरी – 44.8%
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सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना – 9.2% (61,570 मामले)
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सार्वजनिक मार्ग पर बाधा डालना – 8.1% (53,742 मामले)
सारांश: बढ़ती चुनौती, प्रशासनिक सतर्कता की आवश्यकता
NCRB की यह रिपोर्ट न केवल देश में अपराध की बदलती प्रवृत्तियों को उजागर करती है, बल्कि कानून व्यवस्था और सामाजिक संरचना पर भी सवाल खड़े करती है।
साइबर सुरक्षा, जनजातीय अधिकारों की रक्षा, और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर तत्काल और ठोस नीति-निर्माण की जरूरत है।



