उत्तराखंड की राजनीति में गट्टू के नाम से भूचाल, जानें क्यों बीजेपी हो गई परेशान ?

ankita murder case उत्तराखंड का बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार सुर्खियों में रहने का कारण इस केस में शामिल वीआईपी का नाम है। भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा कि गट्टू (वीआईपी का उपनाम) के इशारे पर अंकिता की हत्या करवाई गई।

वायरल वीडियो के बाद एक बार फिर वो सोशल मीडिया पर लाइव आई और उन्होंने गट्टू के नाम का भी खुलासा कर दिया है। जिसके बाद से प्रदेश के राजनीति में भूचाल आ गया है। विपक्ष पूरी तरह से बीजेपी पर हमलावर हो गया है।

अंकिता हत्याकांड में वीआईपी नाम का हुआ खुलासा !

अंकिता हत्याकांड को लेकर एक बार फिर उत्तराखंड में चर्चाएं जोरों पर हैं। एक बार फिर से अंकिता हत्याकांड में  वीआईपी को सामने लाने और फांसी देने के मांग उठने लगी है। इस मामले ने देवभूमि की ठंडी फिजाओं में सियासी उबाल ला दिया है। दरअसल भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी उर्मिला सनावर ने एक ऐसा वीडियो पोस्ट किया जिसकी हर ओर इसी के चर्चे होने लगे।

उर्मिला सनावर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अंकिता हत्याकांड को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि वीआईपी कौन था और किसने अंकिता की हत्या करवाई। वीडियो में दावा किया गया कि गट्टू ने अंकिता की हत्या करवाई और जैसे अंकिता को मरवाया हो सकता है उनकी भी हत्या हो सकती है।

कौन है वो गट्टू जिसने करवाई अंकिता की हत्या ? 

दो दिन पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में उत्तराखंड में सियासी हलचल मचा दी। अभी इसे लेकर चर्चाएं ही हो रहीं थी कि गट्टू कौन है जिसके इशारे पर अंकिता की हत्या हुई। इसी बीच उर्मिला सनावर ने एक और बड़ा खुलासा कर दिया। उन्होंने गट्टू उर्फ वीआईपी के नाम का भी खुलासा कर दिया। उर्मिला सनावर ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर बीजेपी नेता के वीआईपी होने की बात कही। उन्होंने दावा किया है कि उस रात अंकिता ने वीआईपी को स्पेशल सर्विस देने से इंकार कर दिया था इसीलिए उसकी हत्या करवा दी गई। उनका कहना है कि ये बात उन्हें उनके पति सुरेश राठौर ने कही, जिसके उसके पास सबूत भी है।

उर्मिला ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य उमरोली पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उर्मिला ने निवर्तमान सदस्य पर वीआईपी का नाम पता होने और उसका साथ देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही आरती पर सेक्स रैकेट चलाने और लड़कियां सप्लाई करने का भी आरोप लगाया है।

मामले पर सीबीआई जांच क्यों नहीं होती ? 

इस मामले में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं जिसके बाद अब प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि मामले में तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हो गई है। लेकिन वीआईपी के नाम का कहीं जिक्र ही नहीं हुआ। जबकि अंकिता की मां और अन्य लोग वीआईपी के होने की लगातार बात कर रहे हैं। इसके बावजूद एसआईटी ने चार्जशीट में बीआईपी के होने का जिक्र तक नहीं किया। ऐसे में अब एसआईटी की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं।

उर्मिला के वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस सरकार को लगातार घेर रही है। इसके साथ ही बीजेपी पर भी सवाल उठा रही है। कांग्रेस का कहना है कि इस तरीके से बीजेपी के बड़े नेता का नाम अंकिता भंडारी हत्याकांड में सामने आना बड़ा खुलासा है। इसीलिए शायद सरकार इस मामले में सीबीआई जांच करने से बच रही है।

कांग्रेस का कहना है कि लंबे समय से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। लेकिन सरकार मामले की सीबीआई जांच नहीं करवा रही है। जब प्रदेश के अन्य मामले की सीबीआई जांच हो सकती है तो फिर इस मामले की क्यों नहीं ?

 

 

 

 

 

 

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