विज़न 2020 न्यूज: देश भर में दबे छुपे एक बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है। इस आंदोलन में महिलाएं एक -एक कर के वो सारी दीवारें गिरा रही है जो उन्हें दूसरे दर्जे के नागरिक बनने पर मजबूर करते है। इस आंदोलन में अब एक बड़ा कदम उठाया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महिलाओं को हाजी अली दर्गा के मजार में जाने की इजाजत दे दी है। इबादत की इजाजत ने फिर महिलाओं का हौसला बढ़ाया है। 2 साल की कानूनी लड़ाई के बाद महिलाओं को एक बार फिर हाजी अली दरगाह में मजार तक जाने की इजाजत मिल गई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाजी अली ट्रस्ट की तमाम दलीलों को दरकिनार कर दिया है। कोर्ट के फैसले का तकरीबन सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है। हालांकि ऐसे लोग भी हैं जिन्हें ये आदेश फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। बता दें कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दरगाह जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। 2011 तक दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पांबदी नहीं थी, लेकिन 2012 में दरगाह मैनेजमेंट ने यह कहते हुए महिलाओं की एंट्री पर रोक लगा दी कि शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर-इस्लामी है। हालांकि ट्रस्ट इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करना चाहता है। कोर्ट ने कहा है कि जैसे 4 साल पहले तक महिलाओं को जाने की इजाजत थी उसी तरह वो अब भी जा सकती हैं।