ISRO का स्पेडेक्स मिशन, डॉकिंग प्रक्रिया में देरी, 9 जनवरी को होगी डॉकिंग…

हैदराबाद – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 30 दिसंबर 2024 को रात 10:00:15 बजे श्रीहरीकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से स्पेडेक्स (Space Docking Experiment) मिशन लॉन्च किया। इस मिशन में PSLV-C60 रॉकेट के साथ दो सैटेलाइट्स, SDX01 (Chaser) और SDX02 (Target), को अंतरिक्ष में भेजा गया। मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में स्वचालित डॉकिंग प्रक्रिया का परीक्षण करना था, जिसमें चेज़र (SDX01) टारगेट (SDX02) से ऑटोमैटिक रूप से जुड़ता है।

इसरो ने पहले इस मिशन के डॉकिंग की प्रक्रिया को 7 जनवरी 2025 के लिए निर्धारित किया था, लेकिन अब इसे 9 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इसरो के अनुसार, मिशन के दौरान एक तकनीकी समस्या सामने आई थी, जिसके कारण डॉकिंग प्रक्रिया को अतिरिक्त परीक्षण की आवश्यकता महसूस हुई।

इसरो ने अपनी आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा की और साथ ही एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें स्पेडेक्स ने SDX02 सैटेलाइट को लॉन्च किया और डॉकिंग रिंग को आगे बढ़ाया।

स्पेडेक्स मिशन का महत्व

स्पेडेक्स मिशन इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंतरिक्ष में स्वचालित डॉकिंग की तकनीक का परीक्षण कर रहा है। इस मिशन के सफल होने पर भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशनों और अन्य अंतरिक्ष यानों के बीच स्वचालित डॉकिंग की प्रक्रिया को अधिक सटीक और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह परीक्षण भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों को और अधिक प्रभावी बनाएगा, जिससे मैनुअल इंटरवेंशन की आवश्यकता कम होगी।

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