देहरादून – भारतीय नौसेना द्वारा हाल ही में अरब सागर में एक जहाज को समुद्री लुटेरों से बचाया गया। नौसेना ने जिस काबिलियत और सैन्य क्षमता से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है और विशेषज्ञ भी भारतीय नौसेना की क्षमताओं के मुरीद हो गए हैं। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में कई विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि भारतीय नौसेना की स्पेशल फोर्सेज की क्षमता दुनिया की सबसे ताकतवर स्पेशल फोर्सेस में से एक है।
नौसेना ने बीते हफ्ते ही एक व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों से बचाया था और उस ऑपरेशन में 17 क्रू सदस्यों को बचाया गया था और 35 के करीब समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर हिरासत में लिया गया था। इस ऑपरेशन में नौसेना के युद्धपोत, पेट्रोलिंग जहाज, ड्रोन, भारतीय वायुसेना के सी-17 ट्रांसपोर्ट विमान, सर्विलांस जेट और मरीन कमांडोज ने शिरकत की थी। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन इंटरनेशनल अफेयर्स के जॉन ब्रैडफोर्ड का कहना है कि ‘इस ऑपरेशन की सफलता से पता चलता है कि भारतीय नौसेना की ट्रेनिंग, कमांड और कंट्रोल समेत अन्य क्षमताएं विश्व स्तर की हैं। इस ऑपरेशन की खास बात ये है कि इस मुश्किल ऑपरेशन में समन्वय के साथ ऑपरेशन चलाकर कम से कम नुकसान हुआ।’
#INSKolkata, in the last 40 hours, through concerted actions successfully cornered and coerced all 35 Pirates to surrender & ensured safe evacuation of 17 crew members in the evening today #16Mar 24 from the pirate vessel without any injury.#INSKolkata had carried out the… https://t.co/eKxfEdMRES pic.twitter.com/tmQq2fG8yE
— SpokespersonNavy (@indiannavy) March 16, 2024
विशेषज्ञों को चिंता है कि इस्राइल हमास युद्ध के बाद से यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ हाथ मिला सकते हैं। वहीं समुद्री लुटेरे भी हाल के समय में काफी सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर संकट पैदा हो सकता है। समुद्री लुटेरों ने बीते साल दिसंबर में माल्टा का झंडा लगे और बुल्गारिया द्वारा संचालित किए जा रहे व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को अगवा कर लिया था। अगवा करने के बाद समुद्री लुटेरे जहाज को अपने क्षेत्र में ले गए थे। अब समुद्री लुटेरों द्वारा इस जहाज का इस्तेमाल अन्य जहाजों को लूटने के लिए किया जा रहा था।