डेबिट और क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी आजकल आम बात हो गई है। अगर आप अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के पिन और पासवर्ड हैकर्स से बचाना चाहते हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत हैं। जानिए किन-किन तरीकों से डेबिट/ क्रेडिट कार्ड की जानकारियां हैक की जा सकती हैं…
स्किमिंग
एक्सपीरियन इंडिया के एमडी मोहन जयरमण ने बताया, जब हममे से कोई कार्ड स्वाइप करता है तो कुछ लोग डेटा स्किमिंग डिवाइस का इस्तेमाल कर इन्फॉर्मेशन कॉपी कर लेते हैं। कार्ड रीडर स्लॉट में स्किमिंग डिवाइस लगाकर मैग्नेटिंक स्ट्रिप से इन्फॉर्मेशन कॉपी कर ली जाती है। स्किमर से प्राप्त जानकारी के आधार पर फ्रॉड करने वाले जाली कार्ड तैयार करते हैं। इसके अलावा पिन हासिल करने के लिए मशीन के नजदीक कैमरे भी लगा दिए जाते हैं।
शोल्डर सर्फिंग
अगर क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के समय अगर आपका कार्ड फंस जाए और कोई आपसे फ्रेंडली होकर आपकी मदद करने की कोशिश करें या फिर आपके कंधे के ऊपर से ताक-झांक करने की कोशिश करें तो सावधान हो जाएं। ऐसे लोग किसी तरह आपसे आपका पिन जान लेने की फिराक में हैं।
कार्ड ट्रैपिंग
जब आप मशीन में कार्ड इंसर्ट करते हैं तो इसमें एक बार्ब लगा दिया जाता है जो कार्ड को रोक कर रखता है। धोखेबाज कार्ड रीडर मशीन में कोई प्लास्टिक डिवाइस या बार्ब फिट कर देते हैं जिससे कार्ड फंस जाता है
फॉर्मिंग
इस तकनीक में धोखेबाज आपको किसी ऑरिजनल वेबसाइट से बिल्कुल मिलती-जुलती किसी फेक वेबसाइट पर ले जाने की कोशिश करते हैं। इसलिए अगर आप ट्रांजैक्शन करते हैं या फिर क्रेडिट/डेबिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो भी कार्ड डीटेल चोरी की जा सकती है।’
की स्ट्रोक लॉगिंग
आप कभी-कभी अनजाने में ऐसा सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लेते हैं जो चोरों को आपके की स्ट्रोक्स को ट्रेस करने देता है। इस तरह से धोखेबाज आपके पासवर्ड और नेट बैंकिंग डीटेल चोरी कर लेते हैं।