पिथौरागढ़ – टनकपुर तवाघाट एनएच में बुधवार सुबह लगभग 8.30 बजे धारचूला से 16 किलोमीटर दूर राउती पुल के पास भारी भूस्खलन हो गया। पहाड़ी से विशालकाय चट्टान टूटकर काली नदी में समा गई। इस दौरान धूल वातावरण में छा गई। वहां अफरा तफरी के बीच लोगों ने भागकर जान बचाई। लोगों और एसएसबी जवानों की सतर्कता से बड़ा हादसा होने से टल गया।
भारत के राउती पुल के ठीक सामने काली नदी पार नेपाल का खाती गांव है। जिस स्थान पर चट्टान टूटी वहां पर मंगलवार को भी भारी भूस्खलन हुआ था। पहाड़ी गिरने का वीडियो बनाने वाले एसएसबी के जवान हेड कांस्टेबल रवि शंकर ने बताया कि विशालकाय बोल्डर टूटकर काली नदी के बीच में गिर गया। जिस स्थान पर चट्टान गिरी उससे कुछ मीटर नीचे झूलापुल था। यदि चट्टान कुछ नीचे गिरती तो झूलापुल क्षतिग्रस्त हो सकता था।
11वी वाहिनी एसएसबी डीडीहाट के एसी संदीप केशरी ने बताया की राउती पोस्ट में छह पुरुष और चार महिला जवान तैनात रहती है। फिलहाल कोई नुकसान की सूचना नही है।
हिलवेज कंपनी के सीनियर मैनेजर त्रिलोक सिंह दानू ने बताया की राउती पुल के पास मंगलवार को सड़क बंद था और बुधवार सुबह भी भारी भूस्खलन होने से सड़क बंद ही रहा। बुधवार सुबह से ही दोबाट और राउती पुल के पास लगातार बोल्डर और मलबा गिर रहा है। जिसके कारण सड़क खोलने में दिक्कतें हो रही है। सड़क खुलने में अभी दो दिन का समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है। धारचूला में मंगलवार रात 10 बजे से बुधवार सुबह तक रुक रुककर हो रही बारिश से लोग परेशान है। सड़क बंद होने से ग्रामीण धारचूला आने में चार से पांच किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर है।