विज़न 2020 न्यूज: दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस के नेता आपसी प्रेम का फार्मूला लेकर लौटे हैं। छह बजे से रात सवा दस बजे तक चली दिल्ली दरबार की इस बैठक में उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता जब एक साथ मिले तो गिले शिकवे दूर हुए और कुछ बात बनती नजर आई, प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी एकजुटता और आपसी समन्वय ही हमें दोबारा प्रदेश की सत्ता में वापसी कराएगी। प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी ने सभी को अंदरुनी कलह से बचने की सख्त हिदायत दी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मौके की नजाकत को भांपते हुए बैठक में कहा कि उनसे अगर कोई चूक होती है या कोई कमी रह जाती है तो बातचीत कर उसे ठीक किया जा सकता है। कांग्रेस किस तरह चुनाव प्रबंधन करेगी इसकी रूपरेखा तय करने के लिए बुधवार को दिल्ली में संयोजन समिति की बैठक हुई। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि उम्मीदवारों के चयन में विशेष सावधानी बरती जाए। प्रदेश प्रभारी के साथ हुई सभी नेताओं की बैठक से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने प्रभारी और सहप्रभारी को संगठन और पीडीएफ जैसे विवाद के मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि पीडीएफ मंत्रियों के चुनाव में क्या करना है इसका फैसला मुख्यमंत्री हरीश रावत पर ही छोड़ा गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि किशोर उपाध्याय से कोई मतभेद नहीं है। वे प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्हें बोलने का अधिकार है। संयोजन समिति राज्य की सबसे बड़ी इकाई है। 2017 विधानसभा चुनाव की तैयारियों और भूमिका को लेकर बैठक में चर्चा हुई। उत्तराखंड को लेकर प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी, सह प्रभारी संजय कपूर, मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्याय राहुल गांधी से भी मिले। राहुल गांधी ने इन नेताओं से वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए बेहतर तालमेल के साथ कमर कसने को कहा।