देहरादून – एक गलत दस्तावेज़ ने कई सालों तक वन विभाग को परेशानी में डाले रखा था, जिसके जरिए एक व्यक्ति लगातार आरटीआई के तहत आवेदन और अपील करता रहा था। अब इस फांस को राज्य सूचना आयोग ने हटा दिया है, जिससे वन विभाग को राहत मिली है।
यह मामला राजाजी राष्ट्रीय पार्क में एक आरा मशीन के लाइसेंस से जुड़ा हुआ था। आयोग की सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयोग के अध्यक्ष, योगेश भट्ट ने कहा कि शुरुआती जांच से स्पष्ट हो गया है कि अपीलकर्ता की मंशा सही नहीं थी और वह विभाग में दाखिल किए गए एक फर्जी दस्तावेज़ के जरिए आरा मशीन के लाइसेंस को बार-बार चुनौती दे रहा था।
आयोग ने न केवल अपीलार्थी को चेतावनी दी, बल्कि प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) को निर्देशित किया कि जिन दस्तावेज़ों में कूटरचना की संभावना हो, उन पर सख्त कार्यवाही की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में कोई संशय न रहे। बार-बार आरटीआई आवेदन करने वाले व्यक्ति की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
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