लोकसभा चुनाव के चलते वाहन अधिग्रहण होने से दूल्हा-दुल्हन पक्ष के लोगों की बढ़ी दिक्कतें, परिवहन विभाग से लगा रहे गुहार।

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अल्मोड़ा – लोकसभा चुनाव के चलते दूल्हा पक्ष के साथ ही दुल्हन पक्ष के लोगों की दिक्कत बढ़ गई है। उनके लिए वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराना चुनौती बन गया है। लोकसभा चुनाव के लिए वाहन अधिग्रहण होने से वर पक्ष को बरातियों के लिए वाहन मिलने मुश्किल हो गए हैं और लोग अनुमति के लिए परिवहन विभाग के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। जिले में अब तक 86 लोगों ने बरात के लिए वाहनों की अनुमति देने के लिए परिवहन विभाग से गुहार लगाई है।

अल्मोड़ा जिले की छह विधानसभा सीट पर पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने और लाने के लिए 533 यात्री वाहनों का अधिग्रहण किया गया है। इसमें 211 रोडवेज, केमू बस और 322 टैक्सी शामिल हैं। वहीं पुलिस विभाग ने परिवहन विभाग को फोर्स को लाने और छोड़ने के लिए 312 वाहनों की मांग की है, इनके अधिग्रहण में विभाग जुटा है। परिवहन विभाग के मुताबिक रिजर्व के लिए भी 10 प्रतिशत वाहनों का अधिग्रहण किया गया है। ये सभी वाहन 16 से 20 अप्रैल तक चुनाव ड्यूटी में तैनात रहेंगे। मतदान तिथि पर 19 अप्रैल को जिले भर में 120 से अधिक वैवाहिक कार्यक्रम होने हैं। दुल्हन के घर आवाजाही करने के लिए दूल्हा पक्ष को वाहन मिलने मुश्किल हो गए हैं।

86 लोगों ने वाहनों की अनुमति के लिए परिवहन विभाग में अब तक आवेदन किया है। अब दूल्हे पक्ष को बरातियों के लिए कितने वाहनों की अनुमति मिलेगी, क्या पर्याप्त वाहन मिलने से दूल्हा पर्याप्त बरातियों के साथ दुल्हन लेने जाएगा या उसे सीमित बरातियों के साथ विवाह करना होगा, इस पर अंतिम निर्णय परिवहन विभाग लेगा।

अल्मोड़ा आरटीओ अनीता चंद ने बताया कि लोकसभा चुनाव जरूरी है, इसके लिए वाहनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। चुनाव तिथि पर वैवाहिक कार्यक्रम के लिए कई लोगों ने वाहनों के लिए अनुमति मांगी है। वाहनों की संख्या को देखते हुए ही अनुमति दी जाएगी।

मनमाना किराया मांग रहे वाहन स्वामी

अधिकतर केमू बस और टैक्सी वाहनों का लोकसभा चुनाव के लिए अधिग्रहण किया गया है। ऐसे में 16 से 21 अप्रैल तक यात्रियों को लेकर सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों की संख्या सीमित रहेगी। ऐसे में लोकसभा चुनाव की ड्यूटी से छूटे वाहनों के स्वामी वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए मनमाने किराये की मांग करने लगे हैं। नाम न बताने की शर्त पर दूल्हा पक्ष के लोगों ने कहा कि पूर्व में जिले के आंतरिक हिस्सों में वैवाहिक कार्यक्रम के लिए एक टैक्सी वाहन का किराया ढाई से 4000 रुपये तक लिया जाता था। अब चार से 8000 रुपये किराया मांगा जा रहा है, इसे चुकाना मजबूरी है।

केस -1
रानीखेत के विशालकोट निवासी पान सिंह करायत ने कहा कि 19 अप्रैल को बेटे का विवाह होना है। बरातियों के लिए 10 वाहनों की अनुमति मांगी गई थी लेकिन सिर्फ चार वाहनों की ही अनुमति मिली है।

केस -2 
बासुलीसेरा निवासी नंदन सिंह बोरा ने कहा कि 18 अप्रैल को बेटे की शादी के लिए वाहन नहीं मिल रहे। इसके लिए जूझना पड़ रहा है। वाहन न मिले तो सीमित बरातियों के साथ दुल्हन लेने जाना होगा।

केस -3
बासुलीसेरा निवासी नंदन सिंह बोरा ने कहा कि 18 अप्रैल को बेटे की शादी के लिए वाहन नहीं मिल रहे। इसके लिए जूझना पड़ रहा है। वाहन न मिले तो सीमित बरातियों के साथ दुल्हन लेने जाना होगा।

केस -4
रानीखेत निवासी बाल सिंह खाती ने कहा कि सीमित वाहनों की अनुमति मिली है। ऐसे में न तो रिश्तेदार और न बराती विवाह में शामिल हो पा रहे हैं।

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