देहरादून : प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में भी तेज़ वृद्धि देखी जा रही है। इस समय राज्य में बिजली की मांग चार करोड़ यूनिट को पार कर चुकी है, जिससे बिजली की आपूर्ति पर दबाव बढ़ गया है। इस बढ़ती मांग के चलते इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईई) में भी बिजली के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) को फिलहाल रोजाना 50 से 60 लाख यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है, और जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी, यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। हालांकि, यूपीसीएल का कहना है कि वह जरूरत के हिसाब से बिजली खरीदने के लिए तैयार है, लेकिन पीक आवर्स में इसे आठ से नौ रुपये प्रति यूनिट तक की कीमत चुकानी पड़ रही है, जबकि सामान्य समय में यह दाम तीन से चार रुपये प्रति यूनिट के बीच होती हैं।
इस बढ़ती मांग और बिजली के दामों में उछाल के बीच, नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) ने मई और जून माह के लिए देशभर में बिजली की भारी किल्लत की चेतावनी जारी की है। एनएलडीसी के अनुसार, इस बार देशभर में भीषण गर्मी के बीच बिजली की खपत में तीव्र वृद्धि हो सकती है, जिससे बिजली संकट की स्थिति बन सकती है।
इस संदर्भ में यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने कहा कि “बाजार में बिजली के दाम पीक आवर्स के दौरान बढ़ रहे हैं, लेकिन यूपीसीएल अपनी जरूरत के हिसाब से बिजली खरीद रहा है और पूरी कोशिश कर रहा है कि लोगों को निरंतर बिजली मिलती रहे।”
यह स्थिति उत्तराखंड के लिए आने वाले महीनों में चुनौतीपूर्ण हो सकती है, और राज्य सरकार को बिजली आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता होगी।