

भाईदूज के पावन पर्व पर आज यमुनोत्री धाम के कपाट विधि-विधानपूर्वक बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के इस ऐतिहासिक पल के हजारों श्रद्धालु साक्षी बने।
शीतकाल के लिए बंद हुए यमुनोत्री धाम के कपाट
आज भाईदूज के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट छह महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं। धाम के कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की डोली खरसाली गांव के लिए रवाना हो गई है। शीतकाल में अगले छह महीने मां यमुना खरसाली गांव में दर्शन देंगी।
सुबह 8 बजे शुरू हुई थी कपाट बंद करने की प्रक्रिया
यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल, सचिव सुनील उनियाल, कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने बताया कि विशेष पूजाओं के बाद दोपहर 12.30 बजे मां यमुना मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए। जबकि सुबह आठ बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
सबसे पहले सुबह 8 बजे खरसाली गांव से मां यमुना के भाई शनिदेव महाराज की डोली धाम के लिए रवाना हुई। डोली के धाम पहुंचने पर शनिदेव महाराज यमुना नदी में स्नान करने के बाद अपनी बहन यमुना के साथ कपाट बंद के दौरान विशेष पूजा-अर्चना में शामिल हुए। जिसके बाद यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए।



